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26 सितंबर 2008

15 अक्टूबर तक आएगी सुपारी की नयी फसल

नई दिल्ली September 25, 2008
वायदा कारोबार शुरू होने के बाद से सुपारी का भाव काफी समय तक नीचे उतरता रहा, लेकिन पिछले एक हफ्ते से यह 'पॉजिटिव जोन'में प्रवेश कर चुका है। गुरुवार को इसके अक्टूबर और नवंबर कॉन्ट्रैक्ट के वायदा भाव में क्रमश: 1.78 और 2.06 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एमसीएक्स में दिसंबर अनुबंध उपलब्ध तो है लेकिन इसमें कारोबार नहीं हो रहा यानी भागीदार इस अनुबंध में हाथ नहीं लगा रहे। शिमोगा हाजिर मंडी में पुरानी सुपारी का भाव 108-09 रुपये प्रति किलो रहा जबकि नई सुपारी का भाव 100-102 रुपये। यह जानकारी एमसीएक्स के सूत्रों ने दी। गुरुवार को एमसीएक्स में कुल 190 लॉट और दो करोड़ का कारोबार हुआ। एक हफ्ते पहले एमसीएक्स में एक दिन में करीब 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है और यह सुपारी वायदा का अब तक का रेकॉर्ड है।गुरुवार को कुल ओपन इंटरेस्ट 140 लॉट का रहा। अक्टूबर वायदा 103 रुपये प्रति किलो पर खुला और 1.78 फीसदी के उछाल के साथ बंद हुआ जबकि नवंबर वायदा 107.10 रुपये प्रति किलो पर खुलकर 2.06 फीसदी के इजाफे के साथ बंद हुआ। उधर, दिसंबर वायदा में गुरुवार को भी कोई कारोबार नहीं हुआ। सुपारी के उत्पादक क्षेत्र दक्षिणी राज्यों में बारिश के कारण नई फसल अब 15 अक्टूबर तक आएगी। पहले नई फसल के सितंबर के आखिरी हफ्ते तक आने की उम्मीद थी।विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश की वजह से सुपारी की पैदावार पिछले साल से 15-20 फीसदी कम रहेगी। फिलहाल सुपारी की सबसे बड़ी मंडी शिमोगा (कर्नाटक) में हर हफ्ते 600-700 बैग (70 किलो प्रति बैग) की आवक हो रही है। कारोबारियों का कहना है कि नई फसल की गुणवत्ता फिलहाल अच्छी नहीं है। सुपारी में अगर एक फीसदी से ज्यादा नमी पाई जाए तो उसकी क्वॉलिटी अच्छी नहीं मानी जाती। कारोबारी फिलहाल 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना रहे हैं। उनका कहना है कि नई फसल के आने तक इस कारोबार में तेजी नहीं आएगी। (BS Hindi)

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