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28 सितंबर 2008

प्याज के भाव में भारी गिरावट

नई दिल्ली। चालू माह में अब तक प्याज के भाव महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्रों में करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि नवंबर व दिसंबर में सप्लाई घटने पर भाव बढ़ सकते हैं। पिछला स्टॉक खत्म हो रहा है जबकि खरीफ सीजन की नई आवक में देरी होगी।नासिक स्थित नेशनल हार्टीकल्चरल रिसर्च एंड डवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार महाराष्ट्र के लासलगांव और पिंपलगांव में प्याज के भाव 700 रुपये क्विंटल तक गिर चुके हैं जबकि एक सितंबर को इसके भाव 870 रुपये चल रहे थे। लेकिन कारोबारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर व दिसंबर में सप्लाई घटने पर भाव तेजी से बढ़ सकते हैं।नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरटिव मार्केटिंग फेडरशन के उपाध्यक्ष सी. बी. होल्कर का कहना है कि खरीफ की फसल आने में देरी होगी। इससे अगले महीनों में प्याज 1000 रुपये के स्तर को भी पार कर सकती है। उनके अनुसार किसान अप्रैल की फसल से 60 फीसदी से ज्यादा प्याज बेच चुके हैं। बाकी चालीस फीसदी माल अक्टूबर अंत तक बाजार में आ जाएगा। इसके बाद बचे प्याज की क्वालिटी भी खराब होने लगेगी।होल्कर के अनुसार नासिक क्षेत्र से खरीफ फसल की प्याज की सप्लाई लेट हो सकती है। पूरी तरह से इसकी आवक जनवरी से ही शुरू हो पाएगी। महाराष्ट्र में हर साल खरीफ सीजन में करीब तीन-चार लाख टन प्याज का उत्पादन होता है। नवंबर में सप्लाई घटने पर प्याज के भाव हर हाल में बढ़ने लगेंगे। हालांकि तब तक राजस्थान व हरियाणा का प्याज बाजार में आने लगेगा। मध्य अक्टूबर से कर्नाटक से भी प्याज की आवक होने लगेगी। फेडरशन के अतिरिक्त निदेशक सतीश भोंडे के अनुसार सतारा, अहमदनगर जिलों के किसान खरीफ सीजन में ज्यादा रकबा में प्याज की बुवाई की है। लेकिन इससे नासिक क्षेत्र की फसल में संभावित देरी से उत्पादन में होने वाले नुकसान की ही भरपाई हो सकेगी। (Business Bhaskar)

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