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27 अक्तूबर 2008

नहीं रहा धान उत्पादकों का बटुआ वजनदार

नई दिल्ली October 27, 2008
इस बार देश के कई राज्यों के किसानों को धान के एवज में पिछले साल से भी कम कीमत मिल रही है।
हालांकि कुछ राज्यों में इसकी कीमतें थोड़ी बढ़ी है पर वह मामूली है। हालत यह है कि हरियाणा और पंजाब की मंडी में पूसा बासमती-1 धान पिछले साल से भी कम मूल्य पर मिल रहे हैं। हरियाणा में धान के मूल्य में पिछले साल के मुकाबले 31 फीसदी की गिरावट हो चुकी है।पिछले साल जो धान 1,285 रुपये प्रति क्विंटल में बेचा जा रहा था, वह इस बार की समान अवधि में महज 880 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है। राजस्थान में जिस धान का मूल्य पिछले साल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में 1,166 रुपये प्रति क्विंटल पर था, वह इस समय 896 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है यानी कि इसकी कीमत 23 फीसदी गिर चुकी है। पश्चिम बंगाल में तो धान पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी तक घट चुका है। इस साल धान की कीमत में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है।पूसा बासमती-1 धान पिछले साल जहां 2,050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा था, वहीं इस बार यह 1800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा जा रहा है। ऐसा में किसानों की ओर से मांग हो रही है कि बासमती के निर्यात पर लगने वाले कर में छूट दी जाए। बासमती पर लगे निर्यात कर के कारण उन्हें कुछ खास लाभ नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि इस समय बासमती निर्यात पर 800 रुपये प्रति क्विंटल का कर देना पड़ता है। वैसे पूसा-1121 जैसे गैर-बासमती धान पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कीमत पर बिक रहे हैं। पिछले साल पूसा-1121 के भाव जहां 1,700 रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं इस साल यह बढ़कर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। पूसा-1121 के भाव में तेजी का रुख इसलिए है कि इसे बासमती की श्रेणी में लाने की चर्चा गर्म है। (BS Hindi)

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