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24 नवंबर 2008

महीने भर में रबर के भाव 29 फीसदी गिर

रबर की कीमतों में पिछले चार महीनों से लगातर गिरावट जारी है। घरलू बाजारों में प्राकृतिक रबर के भाव ऊंचा स्तर से करीब 80 रुपये प्रति किलो तक टूट चुके हैं। पिछले महज एक सप्ताह के दौरान कीमतों में करीब 29 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को कोट्टायम में आरएसएस4 रबर करीब 62 रुपये प्रति किलो के भाव बिका। इस साल 20 अक्टूबर को यहां आरएसएस4 रबर 86.50 रुपये किलो बिका था। रबर बोर्ड के मुताबिक वैव्श्रिक बाजारों के साथ घरलू बाजारों में भी मांग में आई कमी की वजह से कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। दरअसल वित्तीय मंदी की वजह से घरलू टायर कंपनियों ने भी अपने उत्पादन में करीब 20 फीसदी की कटौती की हैं। जिसका असर रबर की मांग पर देखा जा रहा रहा है। इस दौरान सिंथेटिक रबर की कीमतों में भी गिरावट का दौर जारी है। वैव्श्रिक बाजारों में भी मांग में आई कमी की वजह से भारतीय रबर का निर्यात प्रभावित हो रहा है। इस दौरान वैव्श्रिक बाजारों में भी रबर की कीमतों में तगड़ी गिरावट दर्ज हुई है।पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस को बैंकॉक में आरएसएस1 रबर करीब 166.45 डॉलर प्रति `िं टल बिका। इस महीने के तीन तारीख को वहां इसका भाव करीब 199.20 डॉलर प्रति `िंटल था। वहीं पिछले सप्ताह में कुआलालंपुर में रबर एसएमआर-20 का भाव करीब 158.90 डॉलर प्रति `िंटल रहा। जानकारों के मुताबिक वैव्श्रिक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में आ रही गिरावट और टायर कंपनियों की मांग में आ रही लगातर कमी की वजह से रबर की कीमतें गिरती जा रही हैं। माना यह जा रहा है कि मांग और भाव में आ रही गिरावट की वजह से भारत में रबर आयात और निर्यात पर असर पड़ सकता है।ऐसे हालात में भारतीय रबर बोर्ड भी आयात और निर्यात के अनुमान की समीक्षा को लेकर वेट एंड वाच का रुख अपनाए हुए है। रबर बोर्ड के अध्यक्ष सजेन पीटर के मुताबिक टायर कंपनियों ने अपने उत्पादन में करीब 20 फीसदी की कटौती किया है। ऐसे में रबर की मांग लगातार घटती जा रही है। उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात पर बोर्ड पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। लेकिन फिलहाल किसी अनुमान के बार में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान घरलू बाजारों में रबर करीब 123 रुपये किलो के औसत भाव पर बिका है। जो पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। लिहाजा मौजूदा गिरावट में च्यादा नुकसान की आशंका कम है। बहरहाल वैव्श्रिक बाजारों में रबर की गिरती कीमतों को लेकर दुनिया के कमोबेश सभी उत्पादक देश चिंतित हैं। अगले सप्ताह इस मसले पर बैंकॉक में रबर उत्पादक देशों के संगठन की एक बैठक होने वाली है। जिसमें भारत, चीन, इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम को शामिल होने की उम्मीद है। इस साल जुलाई के बाद से रबर की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है।12 जुलाई के बाद कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी रहने से सबसे पहले प्रकृ तिक रबर की मांग में कमी आई। क्योंकि सिंथेटिक रबर की कीमतें तुलनात्मक रुप से कम रहने की वजह से उपभोक्ता कंपनियाों की मांग प्राकृतिक रबर में घट गई। जिसका असर घरलू रबर क कीमतों में ज्यादा दिखा। वही इसके बाद से वैव्श्रिक स्तर पर छाई मंदी की वजह से मांग और घटती चली गई। ऐसे में रबर की मांग घटती जा रही है। जिससे भाव गिरते जा रहे हैं। (BS Hindi)

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