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24 नवंबर 2008

हल्दी में तेजी का रुख बरकरार

हल्दी का उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक अच्छा होने के साथ ही आने वाली नई फसल का उत्पादन भी गत वर्ष से ज्यादा होने के बावजूद स्टॉकिस्टों की सक्रियता से तेजी का रूख बना हुआ है। पिछले एक महीने में इरोड़ मंडी में हल्दी के भावों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 4000 से 4100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।इरोड़ मंडी के हल्दी व्यापारी सुभाष गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी और अक्टूबर महीने में उत्पादक क्षेत्रों में हुई वर्षा से आने वाली नई फसल का उत्पादन गत वर्ष के 43 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) से बढ़कर 45 लाख बोरी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मंडी में इस समय हल्दी की दैनिक आवक 7000 से 8000 बोरियों की हो रही है लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता से इसके भावों में तेजी बनी हुई है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फ गिरने और तेज सर्दी का समय आ गया है इसलिए इन क्षेत्रों की हल्दी में मांग घटने की संभावना है। अत: आगामी दिनों में इसके मौजूदा भावों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट भी आ सकती है।निजामाबाद मंडी के हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि इस समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक इरोड़ में चार लाख बोरी, डुग्गीराला में दो लाख बोरी, निजामाबाद में 60,000 हजार बोरी, वारंगल में 75,000 हजार बोरी, सांगली में डेढ़ लाख बोरी, नानंदेड़ में 75,000 हजार बोरी तथा अन्य मंडियों में एक लाख बोरी मिलाकर कुल स्टॉक लगभग 10.5 से 11 लाख बोरियों का बचा हुआ है। उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक 15 जनवरी के बाद शुरू हो जाएगी तथा आवकों का दबाव फरवरी महीने के प्रथम पखवाड़े में बन जाएगा। उन्होंने बताया कि नई फसल की आवकों के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक करीब पांच से छ: लाख बोरी बचने के उम्मीद है। निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव साप्ताहांत तक 3850 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल पर मजबूत बने हुए थे। उन्होंने बताया कि स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से इस समय हल्दी के भाव तेज बने हुए हैं लेकिन 15 दिसंबर के बाद स्टॉकिस्टों की बिकवाली शुरू हो जाएगी जिससे भावों में मंदे की रूख बन सकता है। सांगली में राजापुरी पावडर क्वालिटी की हल्दी के भाव 5000 से 5200 रुपये, देसी कडप्पा के भाव 4500 से 4700 रुपये और सेलम के भाव 5200 से 5400 रुपये प्रति क्विंटल पर मजबूती लिए रहे। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त महीने तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 24,500 टन का हो चुका है तथा इसमें बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। (BS Hindi)

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