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25 नवंबर 2008

दक्षिण में बारिश से कालीमिर्च महंगी

काली मिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में बारिश होने से आने वाली नई फसल में देरी होने की आशंका बन गई है। इसी के परिणाम स्वरूप स्टॉकिस्टों द्वारा बिकवाली घटा देने से पिछले दो-तीन दिनों में इसके भावों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर अनगार्बल्ड के भाव 11200 रुपये और एमजी वन के भाव 11800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।कोचीन स्थित केदारनाथ संस के अजय अग्रवाल ने बताया कि कालीमिर्च के उत्पादक क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से वर्षा हो रही है जिसके कारण आने वाली नई फसल की आवक जो कि दिसंबर के आखिर में शुरू होनी थी अब 15 जनवरी के बाद ही शुरू हो पाएगी इसलिए स्टॉकिस्टों ने बिकवाली घटा दी है। इस समय कालीमिर्च का स्टॉक मात्र 7,000 से 8,000 टन का ही बचा हुआ है जबकि गत वर्ष की समान अवधि में इसका स्टॉक 16,000 से 17,000 हजार टन का बचा हुआ था। गत वर्ष देश में काली मिर्च का उत्पादन 50,000 टन का हुआ था लेकिन चालू वर्ष में जून-जुलाई महीने में केरल के उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा न होने से उत्पादन घटकर 45,000 हजार टन का ही होने की संभावना है।घरेलू बाजारों में भाव बढ़ने से निर्यातकों ने भी भाव बढ़ाकर बोलने शुरू कर दिए हैं। एमजी वन कालीमिर्च के भाव यूरोप के लिए 2500 डॉलर प्रति टन सी एंड एफ और अमेरिका के लिए 2600 डॉलर प्रति टन सी एंड एफ बोले जा रहे हैं। भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान तक देश से काली मिर्च के निर्यात में 35 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इस दौरान करीब 14,750 टन का ही निर्यात हो सका है। पिछले साल के समान अवधि के दौरान भारत से करीब 22,800 टन काली मिर्च का हुआ था। (Business Bhaskar.........R S Rana)

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