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28 नवंबर 2008

कमोडिटी बाजार में शेयर बाजार जितना जोखिम नहीं

इक्विटी बाजार में जहां कारोबार घट रहा है , उसके उलट कमोडिटी वायदा बाजार में वॉल्यूम लगातार बढ़ रहा है। साफ है कि निवेशकों की इस बाजार में दिलचस्पी बढ़ रही है। मौजूदा हालात में कमोडिटी बाजार में शेयर बाजार जितना जोखिम नहीं है। आप सट्टेबाज हों , हेजर या आर्बिट्राज करने वाले , कमोडिटी बाजार में सभी के लिए कुछ न कुछ है। कम मार्जिन , ट्रेडिंग के ज्यादा घंटे और अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की जानकारी की वजह से यह बाजार छोटे निवेशकों का भी पसंदीदा बनता जा रहा है। कमोडिटी बाजार में निवेशक जोखिम क्षमता के मुताबिक मुनाफे की रणनीति चुन सकता है। 1 . हाजिर - वायदा आर्बिट्राज : कमोडिटी बाजार में यह बहुत कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा कमाने का सबसे उम्दा जरिया है। इसमें दो चरण होते हैं। पहले स्तर पर ब्रोकर मंडी या हाजिर बाजार से आपके लिए कमोडिटी खरीदता है और साथ ही साथ दूसरे चरण में उस कमोडिटी को वायदा बाजार में बेचकर मुनाफा सुनिश्चित करता है। कृषि आधारित कमोडिटी के कारोबार में सबसे ज्यादा मुनाफा मिलता है। खरीदे जाने वाले सामान की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दे को लेकर कुछ जोखिम जरूर हो सकता है। इस उत्पाद के लिए अपने ब्रोकर से जरूर बातचीत कीजिए। 2. स्प्रेड ट्रेडिंग : इक्विटी और कमोडिटी बाजार समेत सभी किस्म के बाजारों में यह पसंदीदा रणनीति है। इसमें निवेशक किसी महीने के कॉन्ट्रैक्ट में एक पोजीशन लेता है और उसके अगले कॉन्ट्रैक्ट में उलटी पोजीशन। यानी अगर एक कॉन्ट्रैक्ट को आप खरीदते हैं तो दूसरे में बिकवाली करते हैं। इसमें आप दोनों कॉन्ट्रैक्ट के अंतर से मुनाफा कमा सकते हैं। आम तौर पर अंतर घटने या इसका उलटा होने पर व्यक्ति विशेष करीब के महीने का कॉन्ट्रैक्ट खरीदता है और दूर के महीने का अनुबंध और रिवर्स पोजीशन बेच देता है। इसमें जोखिम भी शामिल होता है क्योंकि दोनों पोजीशन आपके खिलाफ जा सकते हैं , लेकिन अनुभव कारोबारियों के लिए यह पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीति है। (ET Hindi)

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