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25 दिसंबर 2008

सोने की चमक के लिए और करना होगा इंतजार

नई दिल्ली: विदेश से सोना मंगाने की चाहत रखने वाली एजेंसियों को सोने के आयात में छूट प्राप्त करने के लिए कुछ और इंतजार करना पड़ेगा। मामले से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने ईटी को बताया कि प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे भारतीय रिजर्व बैंक ने मामले को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। प्रस्ताव पारित होने पर कुछ और एजेंसियों को इस कीमती धातु के आयात में सुविधा होती। मौजूदा नियमों के तहत देश में सोने का आयात करने वाली एजेंसियों में 32 संगठनों को शामिल किया गया है। इसमें एमएमटीसी, ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और कुछ बैंक शामिल हैं। सूत्र का कहना है, 'आरबीआई वाणिज्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है कि सोने के आयात नियमों में छूट दी जाए। वह और अधिक एजेंसियों को सोने का आयात करने की छूट भी नहीं देना चाहता है।' ट्रेडरों और सोने के निर्यातकों के अनुसार सोने का आयात करने वाले बैंकों और संस्थाओं की संख्या को सीमित करने से भारत के स्वर्ण आभूषण निर्यात पर बुरा असर पड़ रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल कुछ चुनिंदा एक्सपोर्ट हाउसों को सोने का आयात करने की छूट दी थी, लेकिन अब फिक्की जैसे संगठन चाहते हैं कि छूट के दायरे में और अधिक संगठनों को शामिल किया जाए। वाणिज्य मंत्रालय ने जेम्स और ज्वैलरी इंडस्ट्री को राहत देने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया था। केंद्रीय बैंक सोने के आयात में कड़े नियमों में ढील देने के पक्ष में नहीं है। नवंबर में 35-40 टन सोने का आयात किया गया जबकि पिछले साल इसी महीने में 54 टन सोने का आयात किया गया था। भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। वह करीब 620 टन सोने का आयात करता है जो सोने के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश चीन से दोगुना है। चीन करीब 327 टन सोने का आयात करता है। 2007 में साल दर साल हिसाब से सोने के आयात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। (ET Hindi)

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