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29 दिसंबर 2008

चीन के आयात बढ़ाने से सोयाबीन में तेजी

मुंबई : दक्षिण अमेरिका में खराब मौसम और अमेरिका से चीन के सोयाबीन आयात करने के चलते पिछले सप्ताह इसकी कीमतों में पांच फीसदी का उछाल आया। इसके अलावा घरेलू बाजार में आवक कम होने और क्रूड पाम ऑयल पर सरकार द्वारा आयात शुल्क लगाने की आशंकाओं के चलते भी सोयाबीन के भाव को समर्थन मिला। 26 दिसंबर को एनसीडीईएक्स पर सोयाबीन का जनवरी कॉन्ट्रैक्ट 1,874 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इससे पिछले सप्ताह के मुकाबले यह 5.4 फीसदी अधिक है। तब सोयाबीन की वायदा कीमत 1,777 रुपए प्रति क्विंटल थी। दक्षिण अमेरिका के दो प्रमुख सोयाबीन उत्पादक देशों ब्राजील और अर्जेंटीना में यह बुआई का समय है, लेकिन खराब मौसम होने के कारण इसमें देरी हो रही है। इससे फसल को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिससे दुनिया भर में सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखी गई। इन देशों में अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोयाबीन की बुआई होती है। इस कमोडिटी की कीमतों में जारी गिरावट का फायदा उठाते हुए चीन इसका भंडार बढ़ाने में लग गया है। वहां की सरकार किसानों को अच्छी कीमत देने के लिए भी सोयाबीन की खरीदारी कर रही है। चीन में सोयाबीन का भाव 3,700 युआन प्रति क्विंटल है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें चीन के घरेलू बाजार के मुकाबले कम हैं। इसी वजह से चीन की मिलें अमेरिका से सोयाबीन का आयात कर रही हैं। वहीं, भारत में अभी सोयाबीन की सप्लाई तीन से चार लाख बैग के बीच चल रही है। पिछले वर्ष इसी अवधि में छह लाख बैगों की आवक हो रही थी। दरअसल, किसानों को आने वाले दिनों में सोयाबीन की कीमतों में इजाफे की उम्मीद है, लिहाजा वह अभी अपना स्टॉक बाजार में नहीं ला रहे हैं। भारतीय बाजार में अभी सोयाबीन का हाजिर भाव 1,750१-1,800 रुपए प्रति क्विंटल है। इस साल जून और जुलाई में किसानों को 2,700 रुपए का भाव मिल रहा था। महंगाई दर में गिरावट आने के बाद भी आयातकों को आशंका है कि सरकार क्रूड पाम पर कम से कम 30 फीसदी का आयात शुल्क लगा सकती है। हाल में सरकार ने क्रूड सोयाबीन ऑयल पर 20 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया था जबकि रिफाइंड ऑयल पर अभी 7.5 फीसदी का ही शुल्क लगता है। हालांकि आनंद राठी कमोडिटीज के अली मोहम्मद लकड़वाला के मुताबिक, सोयाबीन की कीमतों के इस स्तर पर बने रहने के ज्यादा आसार नहीं हैं। उनका कहना है कि दक्षिण अमेरिका में बरसात शुरू हो चुकी है और वहां जल्द ही मौसम सुधरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अमेरिका से चीन को आयात में भी कमी आ सकती है क्योंकि चीन की सरकार अमेरिका से आयातित बीन्स की कड़ी जांच पड़ताल कर रही है। लकड़वाला का कहना है, 'कीमतों में बढ़ोतरी होने के कारण आने वाले दिनों में प्रॉफिट बुकिंग भी हो सकती है। इससे कीमतों के गिरने की संभावना है।' (ET Hindi)

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