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26 दिसंबर 2008

हल्दी की नई फसल आने पर भी भाव पिछले साल से ऊपर रहेंगे

प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में हल्दी की नई फसल की आवक पंद्रह जनवरी तक शुरू होने की उम्मीद है। चालू वर्ष में हल्दी का उत्पादन तो पिछले वर्ष के बराबर ही होने की संभावना है लेकिन उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक पिछले वर्ष से कम रहेगा। ऐसे में नई फसल की आवक का दबाव बनने के बाद भी उत्पादक मंडियों में हल्दी के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जाने के आसार कम हैं।इरोड़ स्थित हल्दी व्यापारी एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभाष गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वर्ष में देश में हल्दी का उत्पादन 43 से 44 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) का होने की संभावना है। पिछले वर्ष भी देश में हल्दी का उत्पादन 43 लाख बोरियों का ही हुआ था। उत्पादन तो पिछले वर्ष के बराबर ही होगा लेकिन उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक पिछले वर्ष के 12 लाख बोरी के मुकाबले मात्र छह से सात लाख बोरी का ही बचने का अनुमान है। ऐसे में उत्पादन व बकाया स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता पिछले वर्ष के 55 लाख बोरी से घटकर 49 से 51 लाख बोरी ही रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि घरेलू व निर्यात मांग को मिलाकर देश में हल्दी की सालाना खपत 46 से 47 लाख बोरियों की होती है। ऐसे में कुल उपलब्धता व खपत को देखते हुए चालू सीजन में आवक का दबाव बढ़ने पर भी हल्दी के भाव उत्पादक मंडियों में 3000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जाने के आसार कम हैं। पिछले वर्ष आवक का दबाव बनने के बाद उत्पादक मंडियों में हल्दी के भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चले गए थे जिसकी वजह से किसानों ने माल बेचने से इंकार कर दिया था। निजामाबाद मंडी के हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि इस समय किसानों की बिकवाली ज्यादा आ रही है। लेकिन घरेलू व निर्यातकों की अच्छी मांग से भाव स्थिर ही बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि इरोड़ मंडी में हल्दी का स्टॉक ढ़ाई लाख बोरी, डूग्गीराला में पौने दो लाख बोरी, निजामाबाद में 40 हजार, नांनदेड़ और वारंगल में क्रमश: 50-50 हजार बोरी तथा अन्य मंडियों विकाराबाद, सांगली व बुरहानपुर में एक लाख बोरियों का बचने का अनुमान है। इस समय निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 3800 से 3850 रुपये और इरोड मंडी में 3900 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 32,250 टन का हो चुका है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 30,465 टन का ही हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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