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31 दिसंबर 2008

ज्यादा कोटा आने के बावजूद चीनी की तेजी थमना मुश्किल

केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 की पहली तिमाही के लिए 50 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। ज्यादा कोटा रिलीज किए जाने के बाद भी घरेलू बाजारों में कीमतों में गिरावट के आसार नहीं है। चालू वर्ष में देश में चीनी उत्पादन और बकाया स्टॉक में कमी की आशंका से इस समय स्टॉकिस्टों की अच्छी खरीद देखी जा रही है। परिणाम स्वरूप दिसंबर महीने में चीनी की कीमतों में 90 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।दिल्ली के चीनी व्यापारी सुधीर भालोठिया ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वर्ष में देश में चीनी का उत्पादन 190 लाख टन से भी कम होने की संभावना है।इसके साथ ही बकाया स्टॉक 80 लाख टन मिलाकर कुल उपलब्धता 270 लाख टन की बैठेगी। देश में चीनी की सालाना खपत 220 से 230 लाख टन की होती है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार त्नटन-टू-टनत्न चीनी के आयात को मंजूरी देती है तभी कीमतों में गिरावट आ सकती है। इस समय त्नग्रेन-टू-ग्रेनत्न चीनी आयात की जा सकती है। ग्रेन-टू-ग्रेन में आयात की गई रॉ शुगर की रिफाइनिंग करके उसी चीनी को दो साल के अंदर निर्यात करना अनिवार्य होता है।दिल्ली बाजार में मंगलवर को एम ग्रेड चीनी के भाव 1990 से 2010 रुपये और एस ग्रेड चीनी के भाव 1970 से 1990 रुपये प्रति क्विंटल पर ही स्थिर बने रहे। दिसंबर महीने में इसके भावों में 90 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। पहली दिसंबर को दिल्ली बाजार में एम ग्रेड चीनी के भाव 1890 से 1910 रुपये और एस ग्रेड चीनी के भाव 1870 से 1890 रुपये प्रति क्विंटल थे।केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 के जनवरी माह के लिए 17 लाख टन, फरवरी के लिए 16 लाख टन और मार्च महीने के लिए 17 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। इसमें 46 लाख टन लेवी के साथ चार लाख टन बफर स्टॉक की चीनी खुले बाजार में जारी की गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि में 44 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया गया था। व्यापारियों को 46 से 47 लाख टन का कोटा आने की उम्मीद थी लेकिन कोटा ज्यादा आने के बावजूद भी घरेलू बाजार में मंगलवार को चीनी के भाव पूर्व स्तर पर ही टिके रहे। उन्होंने बताया कि फरवरी महीने के बाद चीनी में मांग बढ़ जाती है। इसलिए फरवरी-मार्च में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आ सकती है। (Business Bhaskar........R S Rana)

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