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28 दिसंबर 2008

निर्यात घटने से मेंथा स्टॉकिस्टों की तेजी की हवा निकल गई

स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से मेंथा तेल में पिछले एक सप्ताह में करीब 63 रुपये प्रति किलो की भारी गिरावट आ चुकी है। चालू वित्त वर्ष में मेंथा तेल का निर्यात करीब 15 फीसदी घटने से यह गिरावट (जैसा कि बिजनेस भास्कर ने 19 दिसंबर के अंक में संभावना व्यक्त की थी) दर्ज की गई है। उत्पादन में बढ़ोतरी व बकाया स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता खपत के मुकाबले ज्यादा होने के बावजूद एक सप्ताह पूर्व स्टॉकिस्ट कृत्रिम तेजी लाने में सफल रहे थे। लेकिन मांग का समर्थन न मिलने से उक्त तेजी स्थिर नहीं रह पाई। एसेंशिएल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि यूरोप में क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां शुरू हो गई हैं इसलिए अब निर्यात के नए सौदे 15 जनवरी के बाद ही होने की संभावना है। पिछले दिनों निर्यातकों ने मेंथा तेल (क्रिस्टल बोल्ड) के भाव बढ़ाकर 16.50 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) बोलने शुरू कर दिए थे लेकिन इन भावों में कोई सौदे नहीं हुए। पुराने सौदे 15 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) की दर पर ही हुए हैं इसलिए तेजी टिक नहीं पाई। उन्होंने बताया कि चूंकि क्रिसमस व नए साल की छुट्टियों शुरू हो चुकी हैं इसलिए इसके मौजूदा भावों में 20 से 30 रुपये प्रति किलो की और गिरावट आ सकती है।संभल के मेंथा व्यापारी अनुराग रस्तोगी ने बताया कि निर्यात मांग में कमी आने और स्टॉकिस्टों द्वारा बिकवाली बढ़ा देने से पिछले एक सप्ताह में हाजिर बाजार में मेंथा तेल के भाव में 63 रुपये की गिरावट आकर चंदौसी मंडी में भाव 577 रुपये और संभल मंडी में भाव म्त्तस्त्र रुपये प्रति किलो रह गए। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में मेंथा तेल का उत्पादन 24,000 से 25,000 टन व बकाया स्टॉक 8,000 टन मिलाकर कुल उपलब्धता 32,000 से 33,000 टन की है जबकि विश्व में मेंथा तेल की कुल खपत मात्र 27,000 से 28,000 टन की होती है। ऐसे में तेजी की संभावना तो नहीं है लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता होने के कारण भावों में उठापटक आगामी दिनों में भी जारी ही रहेगी।प्रमुख उत्पादक मंडियों चंदौसी, संभल व बाराबंकी में मेंथा तेल की दैनिक आवक बढ़कर 300 से 350 ड्रमों (एक ड्रम 180 किलो) की हो गई है जबकि पिछले दिनों इसकी आवक सिर्फ 200 से 250 ड्रमों की ही हो रही थी। स्टॉकिटों के पास ऊचे भाव का मंेथा तेल का स्टॉक रखा हुआ है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर तक मैंथा (क्रिस्टल बोल्ड) के निर्यात में 15 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 11,500 टन का ही हुआ है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 13,505 टन का हुआ था। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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