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22 जनवरी 2009

पोल्ट्री कारोबार की सेहत में सुधार

नई दिल्ली January 21, 2009
दिल्ली में पिछले दो महीनों से मंदा चल रहे पोल्ट्री कारोबार की सेहत सुधरने लगी है। दाने की कीमत कम होने व मांग निकलने के कारण पोल्ट्री के कारोबार में 10-15 फीसदी तक की तेजी आई है।
अगले माह इसकी मांग में और तेजी आने की संभावना है। दिल्ली में रोजाना 5 लाख किलोग्राम मुर्गें-मुर्गियों की बिक्री होती है। यहां की सबसे बड़ी गाजीपुर मंडी में पोल्ट्री कारोबार से 87 कमीशन एजेंट जुड़े हुए हैं। कारोबारियों के मुताबिक गत अक्टूबर-नवंबर के दौरान दाने व चूजे की कीमत तेज होने के कारण उनका कारोबार मंदा हो चला था। कारोबार में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आ गयी थी, लेकिन अब दाने की कीमत में भी कमी आ गयी है और चूजे के भाव भी गिर गये है। गत नवंबर के दौरान दाने 20 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहे थे जबकि फिलहाल इसकी कीमत 15-16 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गयी है। वैसे ही प्रति चूजे की कीमत 20 रुपये से घटकर 15 रुपये रह गयी है। वर्तमान में गाजीपुर मंडी में मुर्गा की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम है। गाजीपुर पोल्ट्री एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद उमर पप्पी बताते हैं, 'मंडी में एक मुर्गा पर लगभग 8-10 रुपये की बचत हो रही है। पहले लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा था।'कारोबारियों के मुताबिक एक चूजा एक माह में 1.5 किलोग्राम दाना खाकर 1.5 किलोग्राम का हो जाता है। इस हिसाब से उसकी लागत 60 रुपये बैठती है जबकि 1.5 किलोग्राम का मुर्गा 75 रुपये में बिकता है। उन्होंने बताया कि मक्के की कीमत कम होने के कारण दाने में गिरावट दर्ज की गयी है। दाने में 70 फीसदी हिस्सा मक्के का होता है। बाकी के 30 फीसदी में बाजरा, सोया केक व अन्य अनाज होते हैं। दिल्ली की मंडी में चूजे की 70 फीसदी आपूर्ति हरियाणा से, 20 फीसदी राजस्थान से और 10 फीसदी उत्तर प्रदेश से की जाती है। कारोबारियों ने यह भी बताया कि अगले माह शादी-ब्याह का सीजन होने के कारण पोल्ट्री कारोबार में और तेजी आएगी। (BS Hindi)

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