कुल पेज दृश्य

31 जनवरी 2009

एफएमसी के खिलाफ एनसीडीईएक्स कोर्ट में

जिंस वायदा व्यापार पर ट्रांजेक्शन चार्ज घटाने से रोकने के वायदा व्यापार आयोग (एफएमसी) के फैसले के खिलाफ नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने अदालत की शरण ली है। पिछले दिनों एनसीडीईएक्स ने ट्रांजेक्शन चार्ज घटाने की पहल की तो एफएमसी ने इस पर तुरंत रोक लगा दी थी। एक्सचेंज ने एफएमसी के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है। एनसीडीईएक्स ने सुबह दस बजे से शाम पांच बजे के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज को पांच रुपये से घटाकर तीन रुपये और शाम पांच बजे के बाद एक रुपये से घटाकर पांच पैसे प्रति एक लाख रुपये कर दिया था। एफएमसी ने एक बार पहले भी एनसीडीईएक्स को इस तरह का कदम उठाने से रोक दिया था। लेकिन एक्सचेंज द्वारा एक बार फिर चार्ज घटाने की घोषणा करने पर एफएमसी ने दोबारा रोक लगाई। एफएमसी के सदस्य राजीव अग्रवाल ने बताया कि एनसीडीईएक्स ने हमार निर्देशों के उलट जाते हुए कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को एक्सचेंज को इसके लिए आयोग की तरफ से आगाह किया गया था। उधर एनसीडीईएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक आर रामाशेषन ने भी मुकदमा दायर करने की बात स्वीकारी है। ज्ञात हो कि एनसीडीईएक्स ने इस तरह का कदम मुख्य रूप से कारोबारियों का रुझान बढ़ाने के लिए उठाया है। दरअसल पिछले कुछ सालों से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के मुकाबले इसके कारोबार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। इससे पहले एमसीएक्स भी कम दरों पर कारोबार की सुविधा उपलब्ध कराता था। एफएमसी के अध्यक्ष बीसी खटुआ ने बताया कि एनसीडीईएक्स ने आयोग से ट्रांजैक्शन चार्ज घटाने की मंजूरी भी नहीं ली है। लिहाजा निर्देश जारी कर मामले की छानबीन की जा रही है। चालू महीने के पहले पखवाड़े के दौरान एनसीडीईएक्स के कारोबार में करीब 34 फीसदी की गिरावट आने से यह करीब 21,484.15 करोड़ रुपये रहा है। उल्लेखनीय है कि एनसीडीईएक्स में एग्री कमोडिटी का अन्य एक्सचेंजों के मुकाबले ज्यादा कारोबार होता है। इसमें चना, सरसो, सोयाबीन, ग्वार, चीनी, मक्का और जौ का कारोबार मुख्य रूप से होता है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: