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29 जनवरी 2009

चीनी उत्पादन में भारी कमी की आशंका से बढ़ती ही जा रही हैं कीमतें

नई दिल्ली January 27, 2009
चीनी उत्पादन में 1 करोड़ टन की भारी कमी के आशंका के मद्देनजर हाजिर बाजार में इसकी कीमत हर सप्ताह बढ़ रही है। मंगलवार को दिल्ली की मंडी में चीनी की कीमत 2250 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गयी।
पिछले सप्ताह इसके भाव 2200 रुपये प्रति क्विंटल थे। पंद्रह दिन पहले थोक बाजार में चीनी 2100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर थी। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का कहना है कि गन्ने की पेराई क्षमता के मुकाबले एक तिहाई से भी कम हो गयी है।इसलिए चीनी का उत्पादन इस साल देश भर में 160 लाख टन से अधिक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। पिछले सीजन में चीनी का उत्पादन 265 लाख टन हुआ था। हालांकि सरकारी दावों के मुताबिक देश भर में 190 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।क्या कहते हैं कारोबारीचीनी के थोक कारोबारियों के मुताबिक अगले एक-दो दिनों में चीनी की कीमत 2300 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर जा सकती है। शीतल पेयजल बनाने वाली कंपनियां उत्पादन में भारी कमी की आशंका को देखते हुए बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रही है। रोबारियों का कहना है कि कीमत में बढ़ोतरी पर अंकुश के लिए सरकार को तत्काल रूप से इसके स्टॉक की सीमा तय करनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर फरवरी माह के मध्य तक चीनी 27 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को भी पार कर सकती है। फिलहाल चीनी के स्टॉक की कोई सीमा तय नहीं है। उनका यह भी कहना है कि सरकार चीनी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कच्ची चीनी का आयात करने की कवायद तो कर रही है, लेकिन इसमें देर होने पर चीनी के दाम तब तक काफी बढ़ सकते हैं। देश भर में चीनी की कुल खपत लगभग 230 लाख टन है।कहते हैं मिल मालिक पेराई के लिए गन्ना उपलब्ध नहीं होने के कारण उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी तक सभी चीनी मिलों का काम बंद हो जाएगा। छोटी मिलों में तो फरवरी के पहले सप्ताह में ही पेराई समाप्त होने की संभावना जताई जा रही है। गन्ने की सामान्य आपूर्ति होने पर इन मिलों में मार्च के आखिरी या फिर अप्रैल के पहले सप्ताह तक पेराई का काम चलता है। मध्य प्रदेश की कई मिलों में तो पेराई का काम खत्म भी हो चुका है।गन्ने की कमी के कारण उत्तर प्रदेश की मिलों को सरकारी मूल्य के अतिरिक्त खाद व बीज के नाम पर 20 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करना पड़ रहा है। इस बार क्षमता से एक तिहाई कम पेराई हो रही है। जिन मिलों की पेराई क्षमता रोजाना 55,000 क्विंटल है वहां मात्र 15,000 क्विंटल गन्ने की पेराई हो रही है। वैसे ही रोजाना 1.50 लाख क्विंटल की पेराई क्षमता रखने वाली मिलें 50 हजार क्विंटल के स्तर पर पहुंच गयी है। सरकार की तरफ से गन्ने का मूल्य 140-145 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। मिल मालिकों का कहना है कि इससे उनकी लागत में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो रही है। जबकि सरकार को उन्हें लेवी की चीनी के रूप में मात्र 1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर चीनी देना पड़ता है।रोजाना होने वाली पेराईचीनी मिल क्षमता (रोजाना) वर्तमान में होने वाली पेराईधामपुर 1.50 लाख क्विंटल 50700 क्विंटलइकबालपुर 55,000 क्विंटल 15,500 क्विंटलमोदीनगर 70,000 क्विंटल 8,900 क्विंटलदया शुगर 50,000 क्विंटल 15,000 क्विंटल
(BS Hindi)

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