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24 जनवरी 2009

सोयाबीन में तेजी का रुख

सोयामील में निर्यातकों की अच्छी मांग है। इससे प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में पिछले 20 दिनों में लगभग 400 से 450 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। सोयामील के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक 53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। निर्यात मांग में भारी बढ़ोतरी से सोयामील के भावों में भी इस दौरान 4,000 से 4,200 रुपये प्रति टन की तेजी दर्ज की गई। हालांकि चालू वर्ष में देश में सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है और सोया रिफाइंड तेल में भी मांग कमजोर है। लेकिन अर्जेटीना में प्र्याप्त बारिश न होने से सोयाबीन के उत्पादन में कमी की आशंका बनी हुई है। ऐसे में सोयामील में निर्यातकों की भारी खरीदारी को देखते हुए मौजूदा भावों में और भी तेजी की संभावना है।निर्यात में बढ़ोतरीसोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक भारतीय सोयामील के निर्यात में 53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान भारत से 30,85,559 टन सोयामील का निर्यात हो चुका है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में देश से इसका निर्यात 20,16,450 टन का ही हुआ था। सोयामील के निर्यात सौदे इस समय 21,000 से 21,300 रुपये प्रति टन बंदरगाह पहुंच में हो रहे हैं। पहली जनवरी को इसके भाव 16,500 से 17,000 रुपये प्रति टन थे। अक्टूबर महीने में सोयामील के सौदे 13,800 से 14,000 रुपये प्रति टन में हो रहे थे। ताईवान, सिंगापुर, इटली, यमन और मलेशिया आदि देशों की सोयामील में इस समय भारी मांग बनी हुई है। इसको देखते हुए आगामी दिनों में इसके भावों में और तेजी की संभावना है।सोयाबीन की पैदावारचालू वर्ष में देश में सोयाबीन की पैदावार को लेकर उद्योग और केंद्र सरकार की राय अलग-अलग है। सोपा के मुताबिक चालू सीजन में देश में सोयाबीन की पैदावार बढ़कर 108 लाख टन की होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 96 लाख टन थी। केंद्र सरकार के अग्रिम अनुमान में देश में सोयाबीन की पैदावार पिछले वर्ष के 99 लाख टन के बराबर ही होने की संभावना है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चालू वर्ष में ब्राजील में सोयाबीन की पैदावार 590 लाख टन होने की संभावना है। जबकि अर्ज्ेटीना में पैदावार 505 लाख टन से घटकर 495 लाख टन रहने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार अर्ज्ेटीना में पर्याप्त वर्षा न होने से सोयाबीन की पैदावार में इससे भी ज्यादा कमी की आशंका है।उत्पादक राज्यों में आवकसोयाबीन व्यापारी मोहन मुंदड़ा के मुताबिक इस समय मध्य प्रदेश की उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक घटकर दो लाख बोरी, महाराष्ट्र की मंडियों में एक लाख बोरी और राजस्थान की मंडियों में 40 से 50 हजार बोरी की हो रही है। सोयामील के निर्यात में आई भारी बढ़ोतरी से प्लांटों की भारी खरीदारी बनी हुई है। इससे इंदौर में सोयाबीन के भाव बढ़कर 2400 से 2410 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं जबकि पहली जनवरी को इसके भाव 1950 से 1960 रुपये प्रति क्विंटल थे। इसी तरह से महाराष्ट्र की सांगली मंडी में पहली जनवरी को इसके भाव 1950 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि इस समय भाव बढ़कर 2390 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उधर राजस्थान की कोटा मंडी में भी इस दौरान इसके भावों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 2340 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी तक करीब 60 से 65 फीसदी माल की आवक हो चुकी है। अब जो माल बचा है वह या तो स्टॉकिस्टों के पास है या फिर जिन किसानों की आर्थिक हालत ठीक है उनके पास है। इसलिए तेजी को देखते हुए उनकी बिकवाली कम आ रही है। माना जा रहा है कि मौजूदा भावों में तेजी की संभावना है।तेल की मांग कमजोर सोयाबीन रिफाइंड तेल में मांग कमजोर तेल व्यापारी हेंमत गुप्ता ने बताया कि इस समय सोयाबीन रिफाइंड तेल में मांग कमजोर बनी हुई है। देश में खाद्य तेलों के आयात में भारी बढ़ोतरी और आनी वाली नई फसल सरसों की पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना है। इसलिए सोयाबीन रिफाइंड तेल में पिछले 15-20 दिनों में सीमित उठापटक चल रही है। इंदौर में पहली जनवरी को सोया रिफाइंड तेल के भाव 487 रुपये प्रति 10 किलो थे जबकि दस जनवरी को बढ़ाकर 513 रुपये हो गए थे। लेकिन ऊंचे भावों में ग्राहकी का समर्थन नहीं मिलने से भाव घटकर 493 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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