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25 फ़रवरी 2009

स्टॉक लिमिट के फैसले से चीनी के दाम गिर

केंद्र सरकार द्वारा चीनी मिलों और कारोबारियों के लिए चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाए जाने के फैसले के बाद घरेलू वायदा और हाजिर बाजारों में चीनी की कीमतों में तगड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर विदेशी बाजारों में भी चीनी नरम रही। न्यूयार्क में चीनी वायदा में निचले मूल्य स्तर पर सौदे हुए।नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईईएक्स) में शुरूआती कारोबार के दौरान चीनी मार्च वायदा करीब चार फीसदी की गिरावट के साथ 2101 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर चला गया जो कारोबारी सत्र के लिए लोवर सर्किट लेवल रहा। यह कांट्रेक्ट अपने पिछले बंद के मुकाबले करीब तीन फीसदी की गिरावट के साथ 2122 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। इस दौरान हाजिर बाजारों में भी चीनी की कीमतों में तगड़ी गिरावट देखी गई। दिल्ली में चीनी करीब तीस रुपये की गिरावट के साथ 2275-2300 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकी। कारोबारियों के मुताबिक आढ़तियों की बिकवाली बढ़ने से चीनी की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। मुंबई में भी चीनी की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। यहां कीमतों में करीब 30-40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई।वासी में चीनी एम ग्रेड 2175-2270 रुपये क्विंटल और चीनी-30 एस ग्रेड 2150-2210 रुपये क्विंटल बोली गई। इस दौरान वैश्विक बाजारों में भी चीनी की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। एक दिन पहले के कारोबार के दौरान आईसीई चीनी वायदा में आई गिरावट का असर एशियाई कारोबार पर भी पड़ा। वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल में कमजोरी से भी चीनी का कारोबार प्रभावित हुआ है। सोमवार को आईसीई मार्च चीनी वायदा करीब चार फीसदी की गिरावट के साथ 12.68 सेंट प्रति पौंड पर निपटा। कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में चीनी में मांग सुधर सकती है। चायना शुगर एसोसिएशन के मुताबिक साल 2008-09 के दौरान करीब 1.25 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल यहां करीब 1.448 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar)

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