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25 मार्च 2009

मूल्य के लिहाज से कॉयर उत्पादों का निर्यात 5.75 फीसदी बढ़ा

कॉयर उत्पादों का निर्यात मूल्य के लिहाज से चालू वित्त वर्ष 2008-09 में फरवरी तक 5.75 फीसदी बढ़ गया। लेकिन मात्रा में भारत का कॉयर निर्यात इस दौरान सिर्फ 0.09 फीसदी बढ़ा।चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-फरवरी के दौरान कुल 572.30 करोड़ रुपये के कॉयर उत्पादों का निर्यात किया जा चुका हैं। जबकि समान अवधि में वर्ष 2007-08 के दौरान 541.19 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। मात्रा के हिसाब 171859 टन कॉयर उत्पादों का निर्यात हुआ जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले सिर्फ 0.09 फीसदी अधिक है। भारतीय कॉयर बोर्ड के सचिव एम. कुमारा राजा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कॉयर उत्पादों के निर्यात में मूल्य के लिहाज से 5.75 फीसदी बढ़ोतरी हुई हैं। उनका कहना है कि कॉयर उत्पादों का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप के देशों को किया जाता हैं। लेकिन बोर्ड इन उत्पादों के निर्यात के लिए मध्य- पूर्व के देशों में भी बाजार तलाश रहा हैं। उनका कहना है कि आर्थिक संकट के बावजूद इन उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी होना इस उद्योग के लिए राहत की बात है। हालांकि आर्थिक संकट के चलते वर्ष 2008 की तीसरी तिमाही में इसके निर्यात में गिरावट आई। कॉयर उत्पादों में सबसे अधिक बढ़ोतरी रबर वाले कॉयर में आई है। इस दौरान इसका निर्यात 7.50 करोड़ से बढ़कर 11.04 करोड़ रुपये हो गया । वहीं 72.76 करोड़ रुपये के 84178 टन कॉयर पिच निर्यात किया गया जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले मूल्य की दृष्टि से 25 फीसदी और मात्रा की दृष्टि से 11 फीसदी अधिक हैं। कॉयर मेट्स की बात करें तो मूल्य में इसका निर्यात पांच फीसदी इजाफे के साथ 424.13 करोड़ रुपये रहा। पिछले फरवरी माह के दौरान कॉयर फाइबर के निर्यात में मूल्य और मात्रा दोनों की दृष्टि से भारी वृद्धि हुई है। आडिथी एक्सपोर्ट के डी.एल मारन ने बताया कि चीन की अधिक मांग से जनवरी और फरवरी में कॉयर फाइबर का निर्यात काफी बढ़ा है। बोर्ड के आंकडों के अनुसार वर्ष 2008 की जनवरी और फरवरी के मुकाबले वर्ष 2009 में समान अवधि में इसका निर्यात मूल्य के हिसाब से 370 व 231 फीसदी बढ़कर 13.24 करोड़ और 12.93 करोड़ रुपये का हुआ है। (Business Bhaskar)

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