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28 अप्रैल 2009

नेचुरल रबर का निर्यात 48 हजार टन घटाने पर सहमति`

दुनिया की 70 फीसदी नेचुरल रबर पैदा करने वाले तीन देशों इंडोनेशिया, मलेशिया व थाईलैंड के बीच निर्यात में कटौती पर सहमति बन गई है। ये तीनों देश निर्यात मूल्यों में गिरावट रोकने को दूसरी तिमाही से निर्यात में 48 हजार टन मासिक की कटौती करेंगे। इंटरनेशनल रबर कंसोर्टियम के सचिव यिउम थावारोविट के अनुसार निर्यात में कटौती होने से रबर के मूल्यों को कम से कम स्वीकार्य स्तर तक लाने में मदद मिलेगी। उधर मांग में आई कमी से इंडोनेशिया से रबर निर्यात में इस साल की पहली तिमाही के दौरान करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च के दौरान करीब 418,000 टन रबर का निर्यात हुआ है। रबर एसोसिएशन ऑफ इंडोनेशिया के कार्यकारी निदेशक सुहातरे होंगोकुसुमो ने बताया कि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले निर्यात में करीब 197,500 टन की कमी आई है। साल 2008 के दौरान इंडोनेशिया में करीब 28 लाख टन नेचुरल रबर का उत्पादन हुआ है। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर आई मंदी की वजह से रबर की मांग में कमी आई है। जिसका असर इसकी कीमतों पर गिरावट के रूप में देखी जा रही है। भाव गिरने से किसानों और उत्पादकों को बेहतर मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। कई जगह छोटे रबर किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस तिमाही के साथ अगली तिमाही में भी नेचुरल रबर के निर्यात में गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि गिरावट के स्तर के बार में अभी कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। मौजूदा समय में रबर का पूरा कारोबार वैश्विक आर्थिक हालात और कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर हो रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल जून में टोक्यो कमोडिटी एक्सचेंज में रबर की कीमतें 356.9 येन प्रति किलो के रिकार्ड स्तर पर चली गई थीं। लेकिन साल भर में ऑटो और टायर कंपनियों की मांग में आई कमी की वजह से कीमतों में तगड़ी गिरावट दर्ज हुई है। रबर के पूर वैश्विक उत्पादन का करीब 70 फीसदी हिस्सा टायर बनाने में इस्तेमाल होता है। सोमवार को टोक्यो कमोडिटी एक्सचेंज में बेंचमार्क अक्टूबर रबर वायदा करीब 155 येन प्रति किलो पर रहा। भारत के कोट्टायम में सोमवार को आरएसएस4 नेचुरल रबर के भाव बढ़कर ख्क्क् रुपये किलो और आरएसएस5 के भाव 98 रुपये प्रति किलो हो गए। (Business Bhaskar)

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