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24 अप्रैल 2009

सप्लाई घटने से ग्वार और ग्वार गम के भाव में जोरदार तेजी

मांग के मुकाबले आपूर्ति घटने और वायदा सौदों में तेजी के चलते इस सप्ताह राजस्थान की मंडियों में ग्वार सीड में करीब चार फीसदी तथा ग्वार गम में दो फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। वहीं एनसीडीईएक्स में मई वायदा सौदों में ग्वारसीड व ग्वार गम के भाव डेढ से दो फीसदी बढ़ गए। श्रीगंगानगर के थोक व्यापारी मनोज कुमार जाजू का कहना है कि हरियाणा और श्रीगंगानगर बेल्ट के उत्पादक इलाकों में इस साल खरीफ सीजन में किसानों का रुझान कपास और दूसरी जिंसों की पैदावार में ज्यादा है। इससे ग्वार में आगे तेजी की उम्मीद में व्यापारियों ने माल दबाना शुरू कर दिया है। इस वजह से आपूर्ति घटने के कारण इस महीने ग्वार लगभग पंद्रह फीसदी तथा ग्वार गम करीब बारह फीसदी महंगा हो गया। इस बीच ताजा मांग निकलने से इस सप्ताह जयपुर मंडी में ग्वार मिल डिलीवरी के भाव करीब चार फीसदी बढ़कर 1870 से 1940 रुपये तथा जोधपुर में दो फीसदी की तेजी से 1900 से 1925 रुपए क्विंटल हो गए है। वहीं ग्वार गम के भाव साढ़े तीन फीसदी तक बढ़कर गुरुवार को 3800 से 3825 रुपये क्विंटल पर पहुंच गए। एक ही दिन में ग्वार गम में 100 से 125 रुपये क्विंटल की तेजी देखने को मिली है। दूसरी तरफ अलवर में लूज में ग्वार 1650 से 1675 और श्रीगंगानगर में 1675 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि एनसीडीईएक्स में भी मई वायदा सौदों में ग्वार गम के भाव चार दिन में लगभग दो फीसदी बढ़कर 3845 और ग्वार सीड डेढ़ फीसदी की तेजी से 1858 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।उन्होंने बताया कि ग्वार की तुलना में दूसरी जिंसों के भाव ज्यादा होने से आगामी खरीफ सीजन में ग्वार का रकबा घटने से उत्पादन में गिरावट आने की अटकलबाजी तेज हो गई है। दूसरी तरफ आर्थिक हालात में सुधार से निर्यात मांग निकलने के कारण ग्वार गम फैक्ट्रियां ग्वार खरीद में फिर सक्रिय हो गई है, लेकिन आपूर्ति कमजोर होने से व्यापारी दाम बढाकर बोल रहे हैं। अलवर के थोक व्यापारी हीरालाल गुप्ता के अनुसार चौतरफा लिवाली को देखते हुए अब ग्वार के भावों में और मजबूती की संभावना व्यक्त की जा रही है। श्रीगंगानगर के व्यापारी सुरेंद्र सुमानी का कहना है कि पैदावार घटने की अटकलों का बाजार गरम होने से स्टॉकिस्ट भी खरीद करने में पीछे नहीं है। जयपुर के थोक व्यापारी राम अवतार खंडेलवाल का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से ग्वार गम की मांग फिर से बढ़ने लगी है। कच्चे तेल उत्पादन में और बढ़ोतरी की संभावना को देखते व्यापारियों को ग्वार गम के नए निर्यात ऑर्डर मिलने की उम्मीद के कारण ग्वार सीड और ग्वार गम दोनों में ही तेजी की धारणा बनी हुई है। जोधपुर के थोक व्यापारी जयराज मेहता का कहना है कि इस साल उत्पादन घटकर अस्सी लाख बोरी रह जाने से मंडियों में ग्वारसीड की आपूर्ति काफी घट गई है। (Busienss Bhaskar)

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