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24 अप्रैल 2009

सस्ते जिंसों के आयात से चीन का ट्रेड सरप्लस बढ़ेगा

चीन में इस साल सस्ते दामों पर जिंसों का आयात होने से करीब 325 अरब डॉलर का विदेश व्यापार आधिक्य (ट्रेड सरप्लस) रहने की संभावना जताई जा रही है। यह अनुमान आईएनजी होलसेल बैंकिंग ने लगाया है। केंद्रीय बैंक द्वारा एक्सचेंज दरों में स्थिरता लाने के प्रयासों के बाद सरकार ने सरप्लस राशि के प्रबंधन के बार में विचार शुरू कर दिया है। दरअसल कीमतों में अनिश्चितता से कुछ जिसों के आयात में कमी आई है। इन जिंसों में क्रूड, कोयला, कॉपर, अल्यूमीनियम और आयरन ओर शामिल है। पिछले पांच सालों के दौरान इन जिंसों के आयात में सालाना करीब 15 फीसदी का इजाफा देखा गया है। लेकिन इस साल के दौरान इसमें इजाफे की उम्मीद नहीं है। हालांकि काफी हद तक जिंसों की कीमतों से आगे के कारोबार की दिशा तय हो सकेगी। पिछले कुछ महीनों के दौरान पर्याप्त मात्रा में कई जिंसों का आयात हो चुका है। लिहाजा आगे ज्यादा आयात की जरूरत की उम्मीद नहीं है। वैश्विक बाजार में कीमतें कम होने से जनवरी के दौरान औद्योगिक जिंसों के आयात में 31 फीसदी और मार्च में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान कॉपर और आयरन ओर का रिकार्ड आयात हुआ है। वहीं कोयला और अल्यूमीनियम के आयात में भी तगड़ा इजाफा हुआ था। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें यदि अप्रैल के औसत भाव के बराबर आगे भी बनी रहती हैं तो कई जिंसों में नरमी का रुख कायम रह सकता है। ऐसे में चीन का ट्रेड सरप्लस 325 अरब डॉलर रह सकता है जो पिछले साल के मुकाबले 28 अरब डॉलर ज्यादा होगा। (Business Bhaskar)

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