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29 अप्रैल 2009

चावल निर्यातकों को क्वॉलिटी का ख्याल रखने की हिदायत

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत के बासमती चावल की खेप यह कहते हुए लौटाने के बाद कि इसमें कचरे की मात्रा बहुत अधिक है, भारत ने निर्यातकों को सलाह दी है कि वह निर्यात किए जाने वाले बासमती चावल में वांछित गुणवत्ता को पूरा करने की कोशिश करें। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि भारत से आई बासमती चावल की 6 कंसाइनमेंट को इसलिए वापस किया गया है, क्योंकि इसमें मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है और इसमें काफी मात्रा में कचरा है। जिन कंपनियों के बासमती चावल की खेप को लौटाया गया है, उनमें एम आर ओवरसीज(दिल्ली), केशव एक्सपोर्ट्स (बंगलुरु), न्यू भारत राइस मिल्स (पंजाब), एवरग्रीन एक्सपोर्ट्स (मुंबई), बेसिक इंडिया और भानू फूड्स इंडिया (दोनों सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक निर्यातक का करीब 20 टन चावल वापस लौटाया गया है और इनमें से ज्यादा निर्यातक ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार अमेरिका को चावल का निर्यात किया था। अमेरिका के इस कदम के बाद व्यापार को बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्था एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपेडा)ने निर्यातकों को निर्यात संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें निर्यातकों को सलाह दी गई है कि वह कोई भी खेप अमेरिका भेजने से पहले प्रोसेस, पैकिंग और लेबलिंग से जुड़े सभी मानकों को ध्यान में रखें। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विजय सेतिया ने बताया, 'हमने एसोसिएशन के सभी सदस्यों से कहा है कि वह गुणवत्ता संबंधी मानकों का पूरी तरह से पालन करें।' इस पूरे मामले में विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'निर्यातकों को सलाह जारी करने का मकसद यह है कि वे मानकों पर खरा उतरने की कोशिश करें। हालांकि बासमती चावल की खेप लौटाने से भारत की छवि को थोड़ा नुकसान पहुंचा है, फिर भी जिन निर्यातकों ने पहली बार अमेरिका को चावल का निर्यात किया है, उन्हें एक मौका और दिया जाना चाहिए।' (ET Hindi)

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