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27 अप्रैल 2009

इस साल सोना हो सकता है और महंगा

मुंबई 04 27, 2009
वैश्विक मंदी के इस दौर में भी सोना निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। पिछले 10 सालों में सोने में निवेश करने वालों को औसत 26 फीसदी का रिटर्न मिला है।
हालांकि पिछले एक साल में सोने की ऊंची कीमतों ने खरीदारों की संख्या में थोड़ी कमी जरूर की है। इसके बावजूद वर्ष 2009 की पहली तिमाही के दौरान सोने में निवेश करने वालों को 17 फीसदी का रिटर्न प्राप्त हुआ है और अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि इस साल घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 24 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1100 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। वर्ल्ड गोल्ड कॉउंसिल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों (1999-2008) के दौरान सोने से औसत रिटर्न 26 फीसदी प्राप्त हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2009 की पहली तिमाही (जनवारी-मार्च) के दौरान सोने की औसत कीमत 14,180 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जबकि वर्ष 2008 में सोने की औसत कीमत 12,147 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस साल की पहली तिमाही के दौरान सोने में निवेश करने वालों को सिर्फ 17 फीसदी का रिटर्न प्राप्त हो सका है।
इस अवधि में सोने की कीमतें अब तक के सर्वोच्च शिखर पर 24 फरवरी 2009 को पहुंची थी। इस दिन प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 15,780 रुपये हो गई थी। पिछले 10 वर्षों में सोने ने अपने निवेशकों को सबसे ज्यादा औसत रिटर्न 2007 में 37 फीसदी दिया, जबकि सबसे कम 1999 में 24 फीसदी औसत रिटर्न प्राप्त हो सका था।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिहाज से खराब साल के रुप में गुजरे 2008 के दौरान भी जब निवेश के दूसरे विकल्पों में लोगों को नुकसान ही नुकसान हो रहा था तब भी सोने के निवेशकों को औसत 31 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न प्राप्त हुआ है।
पिछले एक साल के दौरान सोने की कीमतों में भारी उछाल के चलते सोने में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आई है। लेकिन हाल ही में सोने की कीमतों में आई हल्की गिरावट और वैश्विक माहौल को देखते हुए जानकार कहते हैं कि सोना अभी भी निवेश के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के निदेशक धर्मेश सोडा कहते हैं कि सोने की कीमतें 15000 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 14000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रही है सोने में निवेश करने का यही सही समय है क्योंकि दुनियाभर में सोने का उत्पादन कम हो रहा है।
पिछले साल की अपेक्षा इस बार भी 4-5 फीसदी सोने का उत्पादन कम हो सकता है, डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हो रहा है और निवेश के दूसरे विकल्पों में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी निवेशक तेजी से सोने में निवेश कर रहे हैं। जिसको देखकर कहा जा सकता है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होना ही होना है।
दूसरी तरफ जीएफएमएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल सोना 1000 डॉलर प्रति औंस की सीमा तक आसानी से पहुंच जाएगा लेकिन मौजूदा माहौल को देखते हुए लगता है कि सोना इस साल 1100 डॉलर प्रति औंस को भी पार कर सकता है। यानी भारतीय बाजारों में इस साल सोने की कीमतें 17000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई को तय कर सकती है।
इस रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि वर्ष 2009 में सोने की कीमतों में 24 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है जबकि रुपये और डॉलर अपने मौजूदा कीमत पर बने रह सकते हैं। कमोडिटी रिसर्च के शैलेन्द्र कुमार कहते है कि सोना हमेशा से निवेश का भरोसेमंद विकल्प रहा है और आज भी है। निवेशकों को चाहिए कि सोना यदि निवेश के लिए लें, तो मूलधातू के रुप में। (BS Hindi)

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