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29 मई 2009

फ्यूचर ट्रेडिंग पर रोक लगी तो गिरे चीनी के दाम

नई दिल्ली : चीनी के वायदा कारोबार पर मंगलवार को पाबंदी के ऐलान के बाद से देशभर में इसकी कीमतें 15-30 रुपए प्रति क्विंटल तक कम हो चुकी हैं। दिल्ली में इसका थोक भाव 30 रुपए गिरकर 2,360-2,440 रुपए प्रति क्विंटल के बीच आ गया है। मुंबई में भी वायदा कारोबार पर रोक का असर दिखा और वहां एस किस्म की चीनी की कीमत 15 रुपए गिरकर 2,205 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। देश की आर्थिक राजधानी में एम किस्म की चीनी की कीमत में भी 20 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। इसकी कीमत 2,250 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। अगले हफ्ते तक चीनी के दाम में और गिरावट आ सकती है। दरअसल फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के शुगर फ्यूचर्स पर रोक लगाने के बाद हाजिर और वायदा बाजार में कारोबारियों ने चीनी की बिकवाली शुरू कर दी। इसका असर आने वाले दिनों में इसकी कीमतों पर और दिख सकता है। माना जा रहा है कि वायदा बाजार में चीनी का भाव टूटने का असर हाजिर बाजार में भी दिख रहा है। कारोबार पर पाबंदी के बावजूद मौजूदा वायदा कॉन्ट्रैक्ट को पूरा होने दिया जाएगा। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर अभी चल रहे चीनी के जून कॉन्ट्रैक्ट का भाव 1.8 फीसदी गिरकर 2,266 रुपए, वहीं एमसीएक्स पर एम किस्म चीनी का जुलाई वायदा 1.6 फीसदी गिरकर 2,430 रुपए प्रति क्विंटल रहा। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'थोक बाजार में चीनी के दाम में फौरन कमी आई। चीनी के वायदा कारोबार पर रोक लगाने का मकसद इसकी जमाखोरी और इसमें हो रही सट्टेबाजी पर रोक लगाना था। कीमतों में हुई कमी को देखकर लग रहा है कि यह कदम सही था। हमें उम्मीद है कि थोक बाजार में चीनी के सस्ता होने का असर जल्द ही खुदरा बाजार में भी दिखेगा।' हालांकि, जानकारों का कहना है कि लंबे वक्त में वायदा कारोबार पर रोक का चीनी के खुदरा भाव पर बहुत असर नहीं पड़ेगा। 2008-09 सीजन में देश में 1.45 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। चीनी का सीजन अक्टूबर से सितंबर के बीच होता है। पिछले साल की करीब 80 लाख टन चीनी भी बाजार में आएगी। साथ ही इस सीजन में 25 लाख टन चीनी के आयात का अनुमान है। भारत में चीनी की सालाना खपत 2.3 करोड़ टन से कुछ ज्यादा है। ऐसे में इस सीजन में तो चीनी की मांग पूरी हो जाएगी, लेकिन अगले सीजन के लिए चीनी का स्टॉक नहीं बचेगा। अगले सीजन में भारतीय शुगर मिल एसोसिएशन ने 2 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। हालांकि, इस पर अभी उलझन बनी हुई है। (ET Hindi)

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