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20 मई 2009

आवक घटने के बावजूद अरंडी के भाव गिरे, वायदा भी नरम

आवक में लगभग पचास फीसदी की कमी के बावजूद इस महीने राजस्थान की मंडियों में अरंडी (कैस्टर सीड) की कीमतों में तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वायदा सौदों में भी अरंडी के भाव पर दबाव देखने को मिला है। इस महीने गर्मी बढ़ने और लू चलने से अरंडी की पैदावार घटने का अनुमान लगाया गया है। राजस्थान (जोधपुर) के अरंडी तेल उत्पादक सुरश संकलेचा ने बताया कि पिछले महीने राजस्थान की मंडियों में रोजाना करीब दस हजार बोरी अरंडी सीड की आवक हो रही थी। लेकिन अब आवक पचास फीसदी से ज्यादा घटकर चार-पांच हजार बोरी के आसपास रह गई है। इसके बावजूद मई में जोधपुर और गुजरात की डीसा मंडी में अरंडी सीड में दो से तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जोधपुर मंडी में मंगलवार को अरंडी के भाव 2350 रुपये और डीसा (गुजरात) मंडी में 2413 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किए गए हैं। इसके समर्थन में अरंडी तेल के भाव भी घटकर 5100 रुपये क्विंटल रह गए जो कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में 5200 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए थे। एनसीडीईएक्स में जून वायदा सौदों में भी इस महीने अरंडी सीड के भाव ढाई फीसदी घटकर 2460 रुपये क्विंटल रह गए हैं।निर्यात मांग कमजोर होने से अरंडी तेल और सीड की कीमतों पर दबाव बना हुआ है जबकि पिछले माह मांग निकलने से जोरदार आवक के बावजूद इनके भाव में ख्क्त्न का सुधार देखा गया था। इस महीने अरंडी सीड और तेल की कीमतों में सुधार की संभावना कम है। इस साल जनवरी-फरवरी में निर्यात घटने के कारण मार्च के पहले सप्ताह में जोधपुर मंडी में अरंडी तेल के भाव 4600 रुपये क्विंटल तक रह गए थे। बाद में अरंडी तेल को विशेष कृषि एवं ग्रामोद्योग योजना के दायर में लाने से अरंडी सीड और तेल की कीमतों काफी सुधार दर्ज किया गया था। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार गर्मी बढ़ने और लू चलने के कारण फसल को नुकसान होने से वर्ष 2008-09 (अक्टूबर से सितंबर) में अरंडी सीड उत्पादन के अनुमानों को संशोधित किया गया है। अब अरंडी सीड की पैदावार 10 लाख टन के आसपास ही रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। दुनियाभर में भारत अरंडी तेल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक होने के कारण वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान अरंडी तेल निर्यात 75 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 308625 टन हो गया था और पहली छमाही में जोरदार निर्यात मांग से अक्टूबर में अरंडी तेल 6800 रुपए क्विंटल तक बिक गया था। हालांकि नए वित्त वर्ष की शुरूआत ज्यादा बेहतर नहीं रही है। (Business Bhaskar)

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