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21 मई 2009

जून से हट सकती है गैर-बासमती चावलों के निर्यात से रोक

नई दिल्ली : देश में अनाजों के पर्याप्त स्टॉक के मद्देनजर उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार अगले महीने से गैर-बासमती चावल के निर्यात से रोक हटा लेगी। हालांकि गेहूं के निर्यात पर अभी भी मात्रात्मक प्रतिबंध जारी है ताकि पर्याप्त स्टॉक का लक्ष्य हासिल कर राशन की दुकानों के जरिए आम लोगों तक सस्ते दाम पर गेहूं मुहैया कराना मुमकिन हो सके। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'मार्च 2009 में सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर से रोक हटाने का फैसला टाला था। निर्यात पर रोक के दौरान कूटनीतिक संबंधों के तहत सरकार ने सिर्फ 20 लाख टन चावल निर्यात करने की अनुमति दी थी।' अधिकारी के मुताबिक जून में गैर बासमती चावल से निर्यात हटाने के पहले सरकार ने अनाजों के स्टॉक का जायजा लेने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के सत्ता में वापस आने और इस साल केंद्र सरकार द्वारा रेकॉर्ड मात्रा में चावल खरीदने के बाद ही गैर-बासमती चावल के निर्यात से रोक हटाने का फैसला किया जा सकता है। अधिकारी का यह भी कहना है कि बहुत जल्द गेहूं निर्यात पर लगा मात्रात्मक प्रतिबंध भी हटाया जा सकता है क्योंकि इस साल इसकी रेकॉर्ड खरीद हुई है। उल्लेखनीय है कि मात्रात्मक प्रतिबंध के तहत सिर्फ 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की मंजूरी है। हालांकि, इस पर फैसला नई सरकार और कैबिनेट के गठन के बाद किया जाएगा। यूपीए सरकार 22 मई का शपथ ग्रहण करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि अब तक अनाजों के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का विरोध करने वाले खाद्य मंत्रालय का भी मानना है कि अब निर्यात शुरू करने के बावजूद देश में अनाज की कमी नहीं होगी। (ET Hindi)

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