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22 मई 2009

गेहूं वायदा का जोरदार स्वागत

मुंबई May 21, 2009
गेहूं वायदा अनुबंध को जिंस बाजार में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।
इस जिंस के दुबारा वायदा कारोबार शुरू करने के पहले ही दिन जिंस बाजार के प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और यह कारोबार गुरुवार को एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स पर उम्मीद से भी कहीं ज्यादा 52,410 टन पर पहुंच गया।
एमसीएक्स पर पहली बार कारोबार 1202 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से हुआ लेकिन जैसे ही कारोबार में बढ़ोतरी हुई कीमतें कम होकर 1140 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई। हालांकि बाजार बंद होने के वक्त 1144 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थीं।
एक्सचेंज ने कुल कारोबार और ओपेन इंटरेस्ट क्रमश: 33.19 करोड़ रुपये और 6280 टन दर्ज किया। एक्सचेंज ने कुल 28,840 टन तक का कारोबार किया। एनसीडीईएक्स पर जून का अनुबंध 1135 रुपये प्रति क्विंटल पर दर्ज किया।
उसके बाद 1150 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई दर्ज करने के बाद गेहूं वायदा में गिरावट आई और यह 1136 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। एक्सचेंज ने सभी गेहूं के वायदा से कुल 27 करोड़ रुपये का राजस्व बनाया और कुल 23,570 टन का कारोबार किया। इसके अलावा 8990 टन के लिए ओपेन इंटरेस्ट देखा गया।
एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी और करेंसी के सहायक निदेशक नवीन माथुर का कहना है, 'गेहूं वायदा को लेकर कारोबारी धारणा बहुत सकारात्मक है। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि इससे कृषि जिंसों का भविष्य पूरी तरह से बेहतर हो सकेगा।' दोनों ही एक्सचेंजों में जून डिलीवरी वाले गेहूं की कीमत 1100 रुपये प्रति क्विंटल के हाजिर बाजार के दर से ऊपर खुले।
एनसीडीईएक्स में व्यापारियों की भागीदारी अधिक थी। एनसीडीईएक्स में केवल जून अनुबंध में ही कम से कम 13,240 टन गेहूं का कारोबार हुआ। जुलाई अनुबंध के लिए 4,000 टन तक की मात्रा थी। एक्सचेंज में अगस्त से नवंबर तक के अनुबंध के लिए गेहूं की मात्रा कम थी।
एमसीएक्स में 12,200 टन गेहूं के सौदे होने की जानकारी है। बहुत बाद के महीनों के लिए पहले दिन सौदों का अभाव रहा। इस जिंस के कारोबार पर वर्ष 2007 फरवरी में महंगाई को रोकने के उद्देश्य से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस जिंस का थोक मूल्य सूचकांक पर 1.38 फीसदी की हिस्सेदारी थी।
वायदा बाजार एवं नियामक आयोग (एफएमसी) ने पिछले हफ्ते गेहूं वायदा पर से प्रतिबंध हटा लिया था। हैदराबाद की ब्रोकिंग कंपनी कार्वे कमोडिटी ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध प्रमुख हरीश गालीपेली का कहना है, 'कॉर्पोरेट ग्राहकों ने भी इसमें खासी दिलचस्पी दिखाई। उन्हें अब कोई डर नहीं है क्योंकि यूपीए की सरकार बहुमत में है और उन्हें वामदलों के साथ राष्ट्रीय जनता दल के लालू यादव का समर्थन भी नहीं चाहिए क्योंकि उन्होंने ही इसे दो सालों से टाला था।'
गुरुवार को एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स में उम्मीद से कहीं अधिक 52,410 टन का रिकॉर्ड कारोबारएमसीएक्स में 1202 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिका गेहूंदोनों ही एक्सचेंजों में 1100 रुपये प्रति क्विंटल के हाजिर भाव से ऊपर खुला गेहूं (BS Hindi)

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