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20 जून 2009

घनन..घनन..घन..घिर रहे बदरा!

नई दिल्ली June 19, 2009
बारिश की बूंदें देखने को तरसी आंखों को जल्द ही सुकून मिलने वाला है और बुआई में देर की वजह से खरीफ की फसल पर मंडराते बादल भी जल्द ही छंटने वाले हैं क्योंकि आसमान पर बादलों यानी मानसून की आहट मिलने लगी है।
महाराष्ट्र में मुंबई और आसपास के इलाकों में 2-3 दिन में मानसून पहुंचने वाला है। रविवार के आसपास बादलों की छतरी आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के कुछ इलाकों पर भी छा जाएगी। लेकिन मध्य भारत के इलाकों को बरसात का इंतजार अभी कम से कम हफ्ते भर करना पड़ेगा क्योंकि उस इलाके तक बादलों को धकेलने के लिए पर्याप्त दबाव का क्षेत्र नहीं बन पाया है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून तय वक्त 1 जून से लगभग एक हफ्ते पहले ही 26 मई को केरल के तट पर आ गया था, लेकिन 7 जून को उसने भीतरी भागों की ओर बढ़ना बंद कर दिया। इसकी वजह चक्रवात आइला को माना गया। आइला ने बंगाल की खाड़ी को ठंडा कर दिया, जिसकी वजह से मानसून को उत्तर की ओर ले जाने वाला वातावरण नहीं बन सका और मानसून कमजोर पड़ गया।
7 जून से 19 जून के बीच इसी वजह से मानसून रत्नागिरि, अनंतपुर, कलिंगपट्टिनम, पारादीप, बालासोर और गंतोक में ही फंसा रहा। इसका असर देश में कुल बारिश पर भी पड़ा। 17 जून तक महज 39.5 मिलीमीटर वर्षा हुई। आम तौर पर इस समय तक 72.5 मिलीमीटर वर्षा हो जाती है यानी अब तक सामान्य से 45 फीसदी कम वर्षा हुई है।
इस दौरान 36 में से 28 मौसम विभाग उपखंडों में कम या नहीं के बराबर वर्षा दर्ज की गई, जिसका असर खरीफ, दाल और तिलहन की बुआई पर भी पड़ा। इसी कारण दाल की कीमत भी बढ़ने लगी है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से मानसून के बारे में आज जारी जानकारी के मुताबिक मानसून के मजबूत होने के हालात बन गए हैं क्योंकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव का क्षेत्र तैयार हो गया है।
इस वजह से पश्चिमी तट पर वर्षा होने के आसार हैं और 2 या 3 दिन में मानसून उत्तर की ओर बढ़ना शुरू कर देगा। आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के अधिकांश हिस्सों की ओर मानसून बढ़ने के भी आसार हैं। केरल के कई इलाकों, कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और गोवा में पिछले दो दिनों से अच्छी खासी बरसात हो रही है। पश्चिमी तट में भी 2 या 3 दिन में बारिश बढ़ने की संभावना जताई गई है।
आम तौर पर 20 जून तक पश्चिमोत्तर भारत के अलावा समूचे देश में मानसून आ जाता है। लेकिन 7 जून के बाद से ही इसमें ठहराव आने की वजह से इस साल महाराष्ट्र, उड़ीसा और उत्तरी आंध्र प्रदेश में इसकी दस्तक देर से सुनाई दी और बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, दक्षिण मध्य प्रदेश और दक्षिण गुजरात में भी यह 1 हफ्ता देर से पहुंच रहा है। (BS Hindi)

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