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26 जून 2009

कर्नाटक में मानसून ने नहीं दिखाई ज्यादा कंजूसी

बेंगलुरु June 25, 2009
पंजाब में सरकारी दफ्तरों में एसी बंद हुए तो दिल्ली में कम पानी के इस्तेमाल की सलाह। वहीं उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में बुआई में देरी हो रही है।
बांध सूख रहे हैं तो बिजली का संकट भी लाजिमी है। महाराष्ट्र में सोयाबीन और धान उगाने वाले किसान अपनी जुगत लगा रहे हैं तो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में भविष्य को लेकर चिंता उभर रही है। देश भर में फैले बिजनेस स्टैंडर्ड संवाददाताओं ने मानसून में देरी का जायजा लिया, पेश है खास अंश...
इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून में देरी होने के बावजूद कर्नाटक में सामान्य बारिश होगी। राज्य में पहले तीन हफ्ते की बारिश के दौरान मामूली कमी देखी गई है।
राज्य में 1 जून से 24 जून तक कुल बारिश 138 मिलीमीटर हुई। साल के इस महीने में सामान्यतया जो बारिश होती है उसकी तुलना में इसमें 3.5 फीसदी तक की गिरावट आई। मौजूदा संकेतों के मुताबिक राज्य में 1.38 करोड़ टन अनाज के उत्पादन का लक्ष्य पूरा किए जाने की पूरी संभावना है और यह पिछले साल की तुलना में यह 10 फीसदी ज्यादा है।
तिलहन का उत्पादन 16 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले साल से लगभग 33 फीसदी ज्यादा है। उत्तरी और दक्षिणी कर्नाटक के ज्यादातर गांवों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है जबकि तटीय और मलनाड क्षेत्रों में बारिश में थोड़ी कमी देखी गई।
हालांकि अगर पूरे देश की स्थिति देखें तो कर्नाटक में अच्छी स्थिति है और वहां के किसानों और सरकार को किसी भी तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ रहा है। (BS Hindi)

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