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27 जून 2009

चाय की कीमतें बढ़ाने पर मतभेद बरकरार

कोलकाता June 26, 2009
पैकेट टी कंपनियां इस महीने दूसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी करने की योजना बना रही हैं। इन कंपनियों ने जुलाई के अंत तक उपभोक्ताओं के विरोध की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया है।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टी ट्रेडर्स एसोसिएशन (एफएआईटीटीए) के चेयरमैन हरेन्द्र शाह का कहना है, 'उद्योग दूसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी के मसले पर बंटा हुआ था, इसी वजह से इसमें एक महीने तक की देरी हो गई।'
उनका कहना है कि बाजार में कोई बदलाव नहीं आया है और आपूर्ति की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन पैकेट टी कंपनियों में कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मतभेद है। इसके अलावा बाजार की ओर से भी कुछ प्रतिरोध है।
पैकेट टी के उत्पादनकर्ताओं ने मई में कीमतों में 20-40 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी की और वे जून तक फिर से 15-20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। यह बढ़ोतरी अब जुलाई में हो सकती है। अगर बारिश की लुका-छिपी बरकरार रही तब चाय कीमतें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
सामान्यतया चाय की अच्छी फसल के लिए पांच इंच बारिश की जरूरत होती है। दुनिया भर में चाय की फसल में कमी की वजह से पैकेट वाली चाय की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। नतीजतन नीलामी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई। मार्च और अप्रैल के दौरान उत्तर भारत में फसलों में 1.58 करोड़ किलोग्राम तक की कमी आई थी।
उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि मई मामूली रूप से बेहतर रहा और साल दर साल 10 लाख किलोग्राम की बढ़ोतरी होती रही। हालांकि पिछले साल के मुकाबले जून में फसल अच्छी नहीं रही। दक्षिण भारत में तो स्थिति और भी बुरी थी। केवल भारत में ही नहीं दुनियाभर में 10 करोड़ किलोग्राम तक की कमी आई।
भारत के चाय मौसम के दौरान ही 2.5 करोड़ किलोग्राम की कमी आई। फिलहाल बल्क टी की कीमतों में 25-30 रुपये तक की बढ़ातरी हुई है। फसल में गिरावट की वजह पूर्व मानसून की बारिश में आने वाली कमी थी। लेकिन मानसून का यही रुख बरकरार रहा तो कमी में बढ़ोतरी हो सकती है।
भारत में ही करीब 6 करोड़ किलोग्राम तक की कमी आई है। काली चाय के बड़े उत्पादनकर्ता देशों, मसलन भारत, श्रीलंका और केन्या में गिरावट 8 से 10 करोड़ किलोग्राम तक हो सकती है।
पैकेट टी कं पनियां जून में दूसरी बार 15-20 रुपये दाम बढ़ाने मन बना रही हैंमई में हुई थी कीमतों में 20-40 रुपये प्रति किलो बढ़ोतरीबारिश की लुकाछिपी बरकरार रही तो चाय की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी (BS Hindi)

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