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29 जून 2009

कालीमिर्च में तेजी के रुख की संभावना

निर्यातकों की कमजोर मांग के बावजूद स्टॉक कम होने से कालीमिर्च में तेजी की ही संभावना है। पिछले एक सप्ताह में 150 रुपये की तेजी आकर एमजी वन की कीमतें 12,900 रुपये और अनगार्बल्ड के भाव 12,400-12,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। वियतनाम के पास इस समय लगभग 27 फीसदी माल ही बचा हुआ है। हालांकि इंडोनेशिया में नई फसल की आवक तो शुरू हो गई है लेकिन बिकवाली कम आ रही है। ब्राजील की फसल आने में चार-पांच महीने का समय शेष है, ऐसे में कालीमिर्च के मौजूदा भावों में और भी तेजी के आसार हैं।बंगलुरू के कालीमिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च के भाव 2650-2700 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) चल रहे हैं। लेकिन इन भावों में मांग काफी कमजोर है। उधर वियतनाम और इंडोनेशिया की कालीमिर्च के भाव 2450-2500 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। वियतनाम अभी तक करीब 65,000 हजार टन कालीमिर्च की बिकवाली कर चुका है जबकि चालू सीजन में वियतनाम में 90,000 टन का उत्पादन हुआ था। ऐसे में अब वियतनाम के पास 25,000 टन का स्टॉक ही बचा है। इसलिए वियतनाम की बिकवाली पहले की तुलना में घट गई है। इंडोनेशिया में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। इंडोनेशिया में नई फसल का 15,000 टन का उत्पादन होने की संभावना है। उत्पादक देशों में कमजोर स्टॉक को देखते हुए इंडोनेशिया की बिकवाली भी कम आ रही है। जबकि ब्राजील की नई फसल की आवक नवंबर-दिसंबर महीने में बनेगी। विश्व बाजार में काली मिर्च की कुल उपलब्धता कम रहने की संभावना है। ऐसे में घरेलू बाजार में कालीमिर्च की कीमतों में तेजी की ही संभावना है।कोच्चि मंडी स्थित मैसर्स केदारनाथ संस के डारेक्टर अजय अग्रवाल ने बताया कि केरल के उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम से पैदावार घटी है। चालू सीजन में देश में इसकी पैदावार 45,000 टन होने की संभावना है। जबकि पिछले वर्ष 50,000 टन की पैदावार हुई थी। पिछले साल नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी 8,000-10,000 टन का बचा हुआ था लेकिन चालू वर्ष में बकाया स्टॉक मात्र 5,000 टन का ही बचा हुआ है। ऐसे में कुल उपलब्धता पिछले वर्ष के मुकाबले कम है। पैदावार में कमी के कारण ही कालीमिर्च में इस समय घरेलू मांग अच्छी बनी हुई है। जिससे भावों में तेजी दर्ज की जा रही है। वियतनाम और इंडोनेशिया में भाव कम होने के कारण पिछले दो-ढ़ाई महीने में भारत करीब 5,000 टन कालीमिर्च का आयात कर चुका है। भारत वियतनाम, इंडोनेशिया व श्रीलंका से कालीमिर्च का आयात कर पाउडर बनाकर निर्यात करता है। प्रोसेसिंग के बाद निर्यात करने के लिए कालीमिर्च का आयात शून्य शुल्क पर किया जाता है जबकि वैसे आयात पर 70 फीसदी आयात शुल्क लगता है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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