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31 जुलाई 2009

आलू वायदा का विशेष मार्जिन बढ़ने पर भी हाजिर में दाम चढ़े

वायदा कारोबार पर 20 फीसदी विशेष मार्जिन भी हाजिर में आलू की तेजी थामने में सफल नहीं हो पा रहा है। फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) ने 26 जून को विशेष मार्जिन को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था। इससे पहले एफएमसी ने इसमें पांच फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बावजूद आलू के हाजिर भाव कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालांकि आलू की वायदा कीमतों में गिरावट आ चुकी है।थोक मंडियों में कोल्ड स्टोर वाले आलू के दाम 800-1100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे है, जबकि शिमला व हल्द्वानी लाइन आलू के भाव 1600-1800 रुपये प्रति क्विंटल बने हुए है। जून के दौरान वायदा में आलू के भाव 1300 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंचने के बाद एफएमसी ने 27 जून से इसके वायदा कारोबार पर विशेष मार्जिन 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था। उस समय हाजिर में आलू के दाम 800-1,000 रुपये प्रति क्विंटल थे। एफएमसी के इस कदम के बाद वायदा में तो इसके दाम घटने लगे लेकिन हाजिर में दाम कम होने की बजाय बढ़ते गए। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में 19 जून को आलू सितंबर वायदा के भाव 1,273 रुपये प्रति क्विंटल थे जो 30 जुलाई को घटकर 1,005 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कारोबारियों का कहना है कि वायदा में तेजी के कारण भी हाजिर में कीमतों में तेजी को बल मिला है। पोटेटो ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन (पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि आलू के दाम बढ़ने की प्रमुख वजह बिहार, बंगाल, गुजरात सहित कई राज्यों में आलू का उत्पादन कम होना है। इन राज्यों में उत्पादन घटने के कारण उत्तर प्रदेश और पंजाब से ही आलू की सप्लाई हो रही है। सप्लाई के मुकाबले मांग का दबाव होने से भाव ऊपर हैं। उनका कहना है कि अगर आलू के वायदा कारोबार पर पांबदी लगा दी जाए तो इसके हाजिर मूल्यों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। उधर विशेष मार्जिन बढ़ने के बावजूद हाजिर में आलू के दाम कम नहीं होने के बारे में एफएमसी के अध्यक्ष बी.सी. खटुआ का कहना है कि आलू की वायदा कीमतों में हाजिर के मुकाबले अधिक बढ़ोतरी के चलते एफएमसी ने विशेष मार्जिन बढ़ाया था ताकि वायदा कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। उनका कहना है कि एफएमसी के इस कदम के बाद आलू की वायदा और हाजिर कीमतों में अब कोई खास अंतर नहीं रह गया है। विशेष मार्जिन बढ़ने की वजह से एक्सचेंजों में आलू के सौदे में भी कमी आई है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) में जून माह के दौरान आलू के 8,380 वायदा अनुबंध हुए, जुलाई माह के दौरान यह आंकडा़ घटकर 5,254 पर रह गया। वहीं जून के दौरान मात्रा के लिहाज से 1.28 लाख टन आलू का कारोबार हुआ था जो जुलाई में घटकर 78,810 टन रह गया। (Business Bhaskar)

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