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24 जुलाई 2009

भारतीय आयात बढ़ने की संभावना से विदेश में चीनी नए रिकार्ड पर

भारत से शुल्क मुक्त रॉ शुगर आयात की अवधि बढ़ने की संभावना से रॉ शुगर फ्यूचर तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की तेजी से भी रॉ शुगर को समर्थन मिल रहा है। भारत दुनिया का प्रमुख चीनी उपभोक्ता देश है। यहां चीनी के उत्पादन में कमी से विश्व बाजार में तेजी का दौर बना हुआ है।भारत से मजबूत मांग निकलने की उम्मीद में आईसीई शुगर फ्यूचर तीन साल के रिकार्ड पर पहुंच गया। रॉ शुगर फ्यूचर का भाव 18.14 सेंट प्रति पाउंड के स्तर पर दर्ज किया गया। कारोबारियों के मुताबिक 18.50 सेंट प्रति पाउंड अगले रेजिस्टेंस लेवल हो सकता है। एक ब्रोकिंग फर्म सुस्डेन फाइनेंशियल ने अपनी दैनिक मार्केट रिपोर्ट में कहा है कि बाजार में उत्पादकों की बिक्री के रुख पर ही तेजी निर्भर करेगी लेकिन तेजड़िये 18.50 सेंट को महत्वपूर्ण स्तर मान रहे हैं। लंदन और न्यूयार्क के आईसीई एक्सचेंज दोनों में ही रॉ शुगर का कारोबार सुधरा। बाजार में इस बात की चर्चा काफी तेज थी कि भारतीय केबिनेट शुल्क रॉ शुगर आयात की अवधि बढ़ा सकती है। कृषि मंत्री शरद पवार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि शुल्क मुक्त चीनी की अनुमति जुलाई के आगे बढ़ाई जा सकती है। डीलरों के अनुसार विश्व बाजार में चीनी की कमी से भाव को लगातार समर्थन मिल रहा है।आईसीई अक्टूबर फ्यूचर रॉ शुगर 0.08 सेंट बढ़कर 18.07 सेंट प्रति पाउंड हो गई। इसके भाव 18.14 सेंट के स्तर को भी छू गए थे। उधर लंदन में व्हाइट शुगर अक्टूबर फ्यूचर 4.20 डॉलर प्रति टन बढ़कर 472.80 डॉलर प्रति टन हो गई। इस भाव पर वहां 1,025 लॉट्स में कारोबार हुआ। यूरो के विरुद्ध अमेरिकी डॉलर में गिरावट दर्ज की गई। यूरो के विरुद्ध डॉलर सात सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे यूरोप में शेयरों में भी सुधार देखा गया। डॉलर की गिरावट से कंपनियों की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ गई। ब्रिटेन की चीनी उत्पादक कंपनी टेट एंड टायल ने कहा कि पहली तिमाही में उसका कर पूर्व मुनाफा उसकी उम्मीद से कहीं बेहतर रहा। (Business Bhaskar)

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