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29 जुलाई 2009

एमपी में सोयाबीन की बुवाई सुधरी, रिकार्ड उपज की आशा

हालत ठीक रहे तो इस बार मध्य प्रदेश में सोयाबीन की रिकार्ड पैदावार होने के अनुमान हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में निर्धारित लक्ष्य से भी एक लाख हैक्टेयर ज्यादा क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई है। वहीं धान के मामले में जरूर अभी तक बुवाई लक्ष्य के मुकाबले आधी ही हो पाई है। लेकिन विभाग का कहना है कि कुछ ही दिनों में लक्ष्य के मुताबिक धान की बुवाई हो जाएगी।कृषि विभाग के उप संचालक पी. के. जैन ने बताया कि खरीफ सीजन 2009 के लिए 106.7 लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से 95 लाख हैक्टयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है। खास बात यह है कि इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले सात लाख हैक्टेयर ज्यादा क्षेत्र यानि 50.5 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई का लक्ष्य था। लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 51.74 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी है जो कि निर्धारित लक्ष्य से करीब एक लाख हैक्टेयर ज्यादा है।इस आधार पर प्रदेश में सोयाबीन के रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल का कहना है कि अभी तक फसल की हालत बहुत अच्छी है। लेकिन अगस्त और सितंबर की बारिश ही सोयाबीन के उत्पादन की दिशा तय करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी देश भर में करीब 95.5 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी। लेकिन बाद में बारिश कम होने के कारण उत्पादन कमजोर रह गया था। उन्होंने कहा कि अगर इस बार बारिश ने साथ दिया तो सोयाबीन का रिकार्ड उत्पादन तय है।प्रदेश में खरीफ फसलों की बुवाई भले ही लक्ष्य के करीब पहुंच गई हो। लेकिन धान के मामले में अब तक लक्ष्य का आंकड़ा आधा ही हासिल हो पाया है। वैसे भी पिछले साल की 17.5 लाख हैक्टेयर की तुलना में इस वर्ष धान का लक्ष्य 16.25 लाख हैक्टेयर रखा गया है जो कि करीब एक लाख हैक्टेयर कम हैं।लक्ष्य में कमी के बावजूद अब तक 8.88 लाख हैक्टेयर में ही धान की बुवाई हो पाई है। हालांकि कृषि विभाग का कहना है कि 15 अगस्त तक धान की बुवाई की जा सकती है। जिसके चलते जल्द ही धान की बुवाई का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। लेकिन प्रदेश में धान के पौधों की रोपाई के लिए खेत में पानी भरा रहना जरूरी है। ऐसी स्थिति में अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो धान की बुवाई पिछड़ सकती है। बारिश की अनियमितता के चलते देशभर में धान की बुवाई प्रभावित हुई है। (Business Bhaskar)

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