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25 जुलाई 2009

निर्यात मांग से इलायची में तेजी

निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग बढ़ने से पिछले एक सप्ताह में इलायची की कीमतों में करीब पांच फीसदी की तेजी आई है। हाजिर बाजार में आई तेजी के असर से वायदा में भी करीब 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रतिकूल मौसम से नई फसल की पैदावार में कमी आने की आशंका है। जबकि हाजिर स्टॉक भी कमजोर है। वैसे भी बोल्ड क्वालिटी (साढ़े सात और आठ एमएम की इलायची) के मालों की आवक अगस्त के आखिर तक बन पायेगी। उधर ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक अक्टूबर-नवंबर महीने में बनेगी, इसलिए अगस्त के दूसरे पखवाड़े से पहले इलायची की मौजूदा कीमतों में गिरावट के आसार नहीं है।तेजी का दौर हाजिर माल में कमी और नई फसल की आवक में देरी से इलायची की कीमतों में तेजी बनी हुई है। हाजिर की तेजी के असर से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में पिछले एक सप्ताह में करीब 3.6 फीसदी की तेजी आकर भाव 860 रुपये प्रति किलो हो गये हैं। अगस्त वायदा अनुबंध में 243 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं।निर्यात दोगुनामुंबई स्थित इलायची के निर्यातक मूलचंद रुबारल ने बताया कि इस समय खाड़ी देशों की अच्छी मांग बनी हुई है। भारतीय इलायची के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़कर 18 से 21 डॉलर प्रति किलो हो गए हैं। जबकि ग्वाटेमाला की इलायची के भाव 13 से 16 डॉलर प्रति किलो पर बोले जा रहे हैं। भारतीय इलायची की क्वालिटी ग्वाटेमाला के मुकाबले अच्छी होने के कारण मांग ज्यादा निकल रही है। ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक अक्टूबर-नवंबर महीने में बनेगी। अगस्त के मध्य में रमजान शुरू हो जाएंगे। जबकि रमजान में खाड़ी देशों की मांग इलायची में बढ़ जाती है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में 160 टन इलायची का निर्यात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दोगुना है। बीते वर्ष की समान अवधि में मात्र 80 टन का ही निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान देश से इलायची का 650 टन का निर्यात हुआ था।पैदावार में कमी की आशंकाइलायची ग्रोवर्स एसोसिएशन के सचिव के. के. देवसिया ने बताया कि अप्रैल और मई महीने में प्रमुख उत्पादक राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सामान्य से काफी कम बारिश हुई थी। इसका असर नई फसल की पैदावार पर पड़ेगा। पिछले साल देश में 12,000 टन इलायची का उत्पादन हुआ था, लेकिन अभी तक की स्थिति को देखते हुए उत्पादन घटकर 10,000 से 10,500 टन ही रहने की संभावना है। ऐसे में पैदावार में तो 12 से 16 फीसदी कमी आने की संभावना है। इस समय त्योहारी मांग अच्छी बनी हुई है जबकि नई फसल की आवक सीमित मात्रा में हो रही है। बोल्ड क्वालिटी के माल की आवक अगस्त के आखिर में बनने की संभावना है। इसलिए अगस्त के दूसरे पखवाड़े से पहले इलायची की मौजूदा कीमतों में गिरावट की आशंका नहीं है। कुल पैदावार में 70 फीसदी हिस्सेदारी केरल की है तथा कर्नाटक और तमिलनाडु की हिस्सेदारी क्रमश: 20 और 10 फीसदी की है। भाव में तेजीकेरल की कुमली मंडी में स्थित मैसर्स अग्रवाल स्पाइसेज के प्रोपराइटर अरुण अग्रवाल ने बताया कि नीलामी केंद्रों पर इलायची की छिटपुट आवक शुरू हो चुकी है। लेकिन एक तो नये मालों में नमी की मात्रा ज्यादा है दूसरा बोल्ड क्वालिटी के मालों की अभी आवक शुरू नहीं हुई है। बोल्ड क्वालिटी के मालों की एक महीने बाद ही बनने की संभावना है। हाजिर बाजार में स्टॉक कमजोर है इसलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी कम आ रही है। इसीलिए 6.5 एमएम इलायची के भाव पिछले एक सप्ताह में लगभग पांच फीसदी बढ़कर 740 से 750 रुपये, 7 एमएम के भाव 795 से 800 रुपये, 7.5 एमएम के 840 से 850 रुपये और 8 एमएम इलायची के भाव 860 से 870 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)

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