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26 अगस्त 2009

सोया खली के निर्यात में तेजी के आसार

नई फसल की आवक से सोयाबीन की उपलब्धता बढ़ने और विदेशों से बढ़ती मांग को देखते हुए सोया खली का निर्यात बढ़ने की संभावना है। सोया प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों के पास अभी से निर्यात मांग आने लगी है। बारिश की कमी को देखते हुए पिछले कुछ महीनों में सोयाबीन की सप्लाई में कमी हो गई थी, जिसे देखते हुए सोयाबीन की क्रशिंग कम हो रही थी। इस स्थिति को देखते हुए विदेशों से सोया खल की मांग भी कम हुई। नये सीजन में अच्छे उत्पादन को देखते हुए मांग में बढ़ोतरी हो रही है। सोपा के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि सोयाबीन के नये सीजन को देखते हुए भारत से सोया खल की मांग बढ़ने लगी है। आने वाले अक्टूबर-नवंबर शिपमेंट के लिए अभी तक करीब फ्।म्क् लाख टन सौदे हो चुके हैं। जिसके आगे और बढ़ने की संभावना है। यह मांग भारत से सोया खल के परंपरागत खरीदार खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों की ओर से आ रही है। भारत अपना ज्यादा निर्यात ईरान, ओमान, इंडोनेशिया, थाइलैंड, सिंगापुर और वियतनाम को करता है। मिस्र की ओर से भी आयात मांग बढ़ रही है। इस साल जुलाई माह में सोया खल के निर्यात में भारी गिरावट आई है। देश से जुलाई में सोया खली का निर्यात म्8,क्भ्क् टन हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 8क् फीसदी कम है। जुलाई फ्क्क्8 में देश से सोया खली का निर्यात फ्,8भ्,99क् टन हुआ था। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई में देश से सोया खली का निर्यात ब्,ब्ख्,9फ्ब् टन हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले त्तस्त्र फीसदी कम है। मांग में बढ़ोतरी का असर है कि पिछले एक महीनें में सोया खली के दामों में तेजी का रुख बन गया है। इस महीनें की शुरुआत में सोया खली के घरलू दाम फ्क्,ब्क्क् रुपये प्रति टन थे, जो इस समय फ्ख्,त्तक्क् रुपये प्रति टन तक पहुंच गये हैं। इसी अवधि में इसका निर्यात मूल्य भ्क्क् डॉलर से बढ़कर भ्ब्म् डॉलर प्रति टन हो गया है। दूसरी ओर इस साल देश में सोयाबीन के बुआई क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी हुई है। इस साल देश में कुल 9फ्.त्तत्त लाख हैक्टेयर में इसकी बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 9ख्.ब्8 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई थी। (बिज़नस भास्कर)

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