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21 अगस्त 2009

कमजोर मॉनसून से पतली हो सकती है दूध की धार

अहमदाबाद: दूध को लेकर दो खबरें हैं। एक अच्छी और दूसरी बुरी। देश में सूखे जैसे हालात पैदा होने के बावजूद गुजरात और पंजाब में सहकारी समितियों और अन्य संस्थाओं की ओर से दूध की खरीद बढ़ी है। पिछले साल के मुकाबले इसमें करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। लेकिन बुरी खबर यह है कि 2010 की गर्मियों तक दूध और दूध से बने उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं। सूखा, कमजोर मॉनसून और कम बारिश के चलते ऐसा हो सकता है। गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार और कर्नाटक में दूध की आपूर्ति बढ़ने की बात कही जा रही है, लेकिन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में आपूर्ति में कमी आई है। अगस्त में देश की सबसे बड़ी सहकारी समिति अमूल की ओर से खरीद में पिछले साल के अगस्त के मुकाबले 12 फीसदी का इजाफा हुआ।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के सीजीएम आर एस सोढ़ी ने ईटी को बताया, 'हम इन दिनों 80 लाख किलोग्राम दूध खरीद रहे हैं जो पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा है, लेकिन गर्मियों में डेयरी उत्पाद के दाम बढ़ सकते हैं।' उन्होंने कहा कि कम बारिश की वजह से भूसे की कमी हो सकती है जिसके चलते गमिर्यों में दूध की खरीद में बाधाएं आ सकती हैं। पंजाब की डेयरियां भी पहले से ज्यादा खरीद कर रही हैं। इस इलाके का सबसे बड़ा फेडरेशन मिल्कफेड रोजाना 6 लाख किलोग्राम दूध खरीद रहा है। मिल्कफेड उत्तरी भारत में वर्का ब्रांड की मार्केटिंग करता है। मिल्कफेड के एमडी वी के सिंह बताते हैं, 'हमारी खरीद में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है। पंजाब में सिंचाई की सुविधाएं बेहतर हैं, इसलिए खरीद में बढ़ोतरी हो रही है।' सिंह ने भी आगामी दिनों में दूध की आपूर्ति घटने और डेयरी उत्पादों के दाम बढ़ने की आशंका जताई। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में दूध उत्पादन घटने की खबरें हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में नोवा ब्रांड की मार्केटिंग करने के साथ देश की सबसे बड़ी डेयरी एक्सपोर्टर स्टर्लिंग एग्रो इंडस्ट्रीज के एमडी कुलदीप सलूजा ने ईटी से कहा, 'कमजोर मॉनसून के कारण हमें राष्ट्रीय स्तर पर दुग्ध उत्पादन 10 फीसदी घटने की आशंका है।' (
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