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27 अगस्त 2009

बीटी के कवच में लग गया कीड़ा

नई दिल्ली August 26, 2009
ढोल नगाड़े के साथ बाजार में उतारे गए जीन संवर्द्धित बीटी कपास की हवा भी निकलती जा रही है।
कपास की आम किस्मों की तरह बीटी कपास भी अब बॉलवर्म यानी कपास के कीड़े का शिकार हो रहा है। इसे बॉलवर्म से मुक्त कहकर बाजार में पेश किया गया था, लेकिन मुंबई के माटुंगा में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल बीटी कपास के 10 से 11.5 फीसदी फूल बॉलवर्म चट कर गए।
इसे देखकर परेशान विशेषज्ञ मानने लगे हैं कि बॉलवर्म इसी रफ्तार से बढ़े तो जल्द ही बीटी कपास की 20 से 30 फीसदी फसल इसकी चपेट में आ जाएगी। ऐसे में उसमें और सामान्य कपास में फर्क नहीं रह जाएगा।
लेकिन बीटी कपास के बीज मुहैया कराने वाली बड़ी कंपनी मॉनसेंटो इंडिया के उप प्रबंध निदेशक क्रिस्टोफर सैमुअल ने मुंबई से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'इस साल कपास की बीटी-1 किस्म का ज्यादा इस्तेमाल हुआ और अब भारतीय बाजार में बीटी-2 कपास उतार दिया गया है, जो बॉलवर्म से बचाव में ज्यादा कारगर है।'
वह कहते हैं कि बॉलवर्म काफी हद तक मौसम पर निर्भर करता है और जरूरी नहीं कि अगले साल भी यह कीड़ा फसल पर ज्यादा हमला करे। मॉनसेंटो का दावा कुछ भी हो, लेकिन बीटी कपास में बॉलवर्म बढ़ने लगे हैं। इस साल राजस्थान और हरियाणा में कपास की 11 फीसदी फसल इस कीटे की चपेट में थी, दक्षिण के राज्यों में यह आंकड़ा 10 फीसदी था।
क्या है बॉलवर्म और बीटी
बॉलवर्म ऐसा कीड़ा है, जो कपास के फूलों को चूस जाता है। इससे बचने के लिए 5-6 साल पहले बीटी कपास का इस्तेमाल शुरू हुआ। बीटी कपास खुद ही कीटनाशक पैदा कर लेता है, जिसकी वजह से बॉलवर्म और दूसरे कीड़े नहीं लगते।
केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक चित्रनायक कहते हैं, 'तीन-चार साल पहले तक महज 3-4 फीसदी बीटी कपास में बॉलवर्म लगते थे। लेकिन अब बॉलवर्म की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गयी है और इसके हमले हर साल बढ़ते जा रहे हैं।'
फसल पर कितना असर
बीटी कपास के रकबे में पिछले वित्त वर्ष के दौरान इजाफा तो हुआ, लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक कीड़ों के हमलों की वजह से उत्पादकता में 34 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई।
2007-08 के दौरान 75 लाख हेक्टेयर पर बीटी कपास उगाया गया था। पिछले वित्त वर्ष में बीटी कपास का रकबा पहले की तरह रहा, लेकिन उत्पादकता 560 किलोग्राम से घटकर 526 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रह गई।
कवच में छेद
हर साल बढ़ रहे है बीटी कॉटन में बॉलवर्म इस साल 10 से 12 फीसदी फूलों पर हमला मॉनसेंटो का दावा, बाजार में उतारी नई किस्म करेगी इस कीड़े को बेअसर (बीएस हिन्दी)

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