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25 अगस्त 2009

कॉटन यार्न पर पेरू हुआ नरम

मुंबई August 24, 2009
भारत में कॉटन यार्न निर्यातकों को पेरू में किए जाने वाले इसके निर्यात पर अब अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि इस दक्षिणी अमेरिकी देश ने कॉटन यार्न के आयात पर शुल्क को समाप्त करने का फैसला किया है।
भारत के सूती वस्त्र निर्यात प्रवर्धन परिषद (टेक्सप्रोसिल) और पेरू में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लगातार प्रयास के बाद पेरू के अधिकारी संरक्षण शुल्क (सेफगार्ड शुल्क) समाप्त करने पर सहमत हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पेरू को सबसे अधिक कपास का निर्यात भारत करता है और पेरू को किए जाने वाले कुल कॉटन यार्न में भारत की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। टेक्सप्रोसिल के अध्यक्ष वीएस वेलेयूथम ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर सेफगार्ड शुल्क के लागातार जारी रहने की स्थिति में कॉटन यार्न के निर्यात पर काफी असर पड़ता।
वेलेयूथम ने कहा कि अब किसी तरह का निर्यात शुल्क नहीं लगने से कॉटन यार्न के निर्यातक राहत की सांस ले सकते हैं। वर्ष 2008 में भारत से कॉटन यार्न का निर्यात 944.5 लाख अमेरिकी डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था।
मालूम हो कि आर्थिक संकट से बेहाल पेरू में कॉटन यार्न उत्पादकों ने विदेश से आयात होने वाले इसके आयात पर यह कहते हुए रोक लगाने की मांग की थी कि इससे घरेलू कॉटन यार्न उत्पादकों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने भारत समेत विश्व के सभी देशों से आयात किए जाने वाले कॉटन यार्न पर सेफगार्ड शुल्क लगाने की मांग की थी।
वेलेयूथम ने कहा कि कपडा मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से हमें पेरू के अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखने में काफी मदद मिली, नतीजतन पेरू के अधिकारी शुल्क को समाप्त किए जाने पर सहमत हो गए। (BS Hindi)

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