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18 सितंबर 2009

दक्षिणी राज्यों के साथ पंजाब की मिलों की मांग आने से गेहूं तेज

दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों की मांग से गेहूं की कीमतों में 4.3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। लारेंस रोड बाजार में गुरुवार को गेहूं के भाव करीब 50 रुपये बढ़कर 1200-1205 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस समय गेहूं की सप्लाई एक मात्र उत्तर प्रदेश से हो रही है। उत्तर प्रदेश से दक्षिण भारत के लिए हर महीने करीब 20 रैक (एक रैक 2400 टन) के सौदे हो रहे हैं। जबकि दिल्ली से महाराष्ट्र की अच्छी मांग बनी हुई है। पिछले तीन-चार दिनों से पंजाब और हरियाणा की भी मांग दिल्ली में निकली है जिससे तेजी को बल मिला है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खुले बाजार में गेहूं की बिकवाली शुरू करने वाला है। ऐसे में गेहूं की तेजी थम सकती है लेकिन इसके भाव एफसीआई के खुले बाजार के लिए तय मूल्य पर निर्भर करेंगे। कमलेश कुमार एंड कंपनी के प्रोपराइटर कमलेश जैन ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों से गेहूं की अच्छी मांग बनी हुई है। उत्तर प्रदेश की कानपुर, एटा, बरेली और शाहजहांपुर लाइन की मंडियों से दक्षिण भारत के बंगलुरू, सेलम और हैदराबाद के लिए हर महीने करीब 20 रैक गेहूं के सौदे हो रहे हैं। महाराष्ट्र में दिल्ली से गेहूं के मुंबई पहुंच भाव बढ़कर 1300-1310 रुपये, उत्तर प्रदेश से दक्षिण भारत की मिलों में पहुंच भाव 1365-1370 रुपये और अहमदाबाद पहुंच भाव 1290 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्तर प्रदेश में स्टॉकिस्टों और किसानों के पास स्टॉक कम होने से बिकवाली पहले की तुलना में घटी है। इसीलिए उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के भाव बढ़कर 1160 से 1180 रुपये प्रति क्विंटल (बिल्टी कट) हो गए। इधर पिछले तीन-चार दिनों से पंजाब और हरियाणा की मिलों की मांग भी दिल्ली बाजार से निकल रही है। दिल्ली से पंजाब और हरियाणा की मिलों को गेहूं के सौदे 1245-1250 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच भाव पर हो रहे हैं।दिल्ली बाजार में गेहूं के भाव बढ़कर 1200-1205 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि आवक करीब 12,000 से 14,000 बोरी की हो रही है। त्योहारी मांग से आगामी दिनों में गेहूं उत्पादों आटा, मैदा और सूजी में उठान बढ़ने की संभावना है। हालांकि केंद्रीय पूल में गेहूं का लगभग 300 लाख टन से ज्यादा का स्टॉक मौजूद है। सूत्रों के अनुसार एफसीआई खुले बाजार में गेहूं की बिकवाली शुरू कर सकती है। गेहूं की बिकवाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भाड़ा जोड़कर तय मूल्य पर किए जाने की संभावना है। ऐसे में आगामी दिनों में गेहूं की तेजी-मंदी एफसीआई के बिक्री भाव पर तय होगी। कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008- 09 में देश में गेहूं का 805 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि चालू खरीफ सीजन में एफसीआई ने गेहूं की 252.91 लाख टन की रिकार्ड खरीद की है। (बिज़नस भास्कर....र स रना)

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