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30 सितंबर 2009

प्रमुख एशियाई बाजारों में चीनी महंगी लेकिन भारत में रही सस्ती

न्यूयॉर्क के आईसीई एक्सचेंज में चीनी के वायदा भाव में सुधार होने के बाद एशिया के प्रमुख बाजारों में चीनी में मजबूती दिखाई दी। लेकिन नई पैदावार से पहले एशिया के सबसे बड़े चीनी निर्यातक देश थाईलैंड में गतिविधियां सुस्त रहीं। आईसीई में चीनी का अक्टूबर बेंचमार्क वायदा सोमवार को 22.65 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। एक सप्ताह पहले यह 21.86 सेंट प्रति पाउंड पर था। वहीं, थाई रॉ शुगर की अक्टूबर-नवंबर शिपमेंट के लिए प्रीमियम में थोड़ा बदलाव हुआ और यह प्रीमियम करीब 70-80 प्वाइंट रहा। बैंकाक के कमोडिटीज ट्रेडिंग हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा किआने वाले दिनों या सप्ताह में चीनी के वायदा भाव बढ़ सकते हैं इससे थाई रॉ शुगर का प्रीमियम थोड़ा घट सकता है। लेकिन भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ता देश ऊंची कीमतों के बावजूद खरीद जारी रखेंगे क्योंकि वहां इस समय स्टॉक की कमी है। चीनी के प्रमुख उत्पादक देशों भारत, चीन, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान में फसली वर्ष 2009-10 में चीनी उत्पादन में कोई ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले साल में भी चीनी की वैश्विक स्तर पर कमी बनी रहेगी, ऐसे में इसकी कीमतों में तेजी रहना स्वाभाविक है। बैंकाक के एक कारोबारी ने कहा कि माना जाता है कि इन देशों की सरकारे समय से पहले पेराई शुरू करने के बारे में सोच रही है। लेकिन उनका मानना है कि ऐसा हो सकता है क्योंकि एथनॉल उत्पादकों को उत्पादन के लिए शीरा की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि पेराई नवंबर के मध्य में शुरू हो सकती है। दूसरी ओर भारत में कमजोर मांग और केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही खुले बाजार में ज्यादा कोटा जारी किए जाने की संभावना के चलते चीनी की कीमतों में गिरावट रही। मुंबई के वाशी थोक बाजार में एस-30 ग्रेड की चीनी के भाव 2830 से 2850 रुपये प्रति क्विंटल रहे, जबकि एक सप्ताह पहले भाव 2850 से 2870 रुपये प्रति क्विंटल थे। (बिज़नस भास्कर)

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