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26 सितंबर 2009

नए कपास की खराब शुरुआत

नई दिल्ली September 25, 2009
कपड़ा उद्योग से फिलहाल मांग नहीं निकलने से नए कपास की कीमत पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 200-300 रुपये प्रति क्विंटल कम चल रही है।
बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कपास का भाव चीन के उत्पादन पर निर्भर करता है। चीन के आयात करने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ सकती है और अगर चीन अपने बफर स्टॉक का इस्तेमाल करता है तो भारत में इस साल कपास की कीमत पिछले साल के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है।
कॉटन एडवाइजरी बोर्ड (सीएबी) के मुताबिक इस साल भारत में कपास का कुल उत्पादन 305 लाख बेल्स रहने की संभावना है। भारत में इस साल पिछले साल के मुकाबले लगभग 15 लाख बेल्स (1 बेल = 170 किलोग्राम) अधिक उत्पादन की उम्मीद की जा रही है।
2009-09 के दौरान कपास का कुल उत्पादन 290 लाख बेल्स रहा। वर्ष 2009-10 के दौरान गत साल के मुकाबले कपास का रकबा बढ़कर 96.46 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल 94.06 लाख हेक्टेयर पर कपास की खेती की गयी थी। पंजाब, गुजरात एवं महाराष्ट्र की मंडियों में नए कपास की आवक शुरू हो गयी है।
पंजाब की फरीदकोट, भिखी, बरीवाला, धूरी, जैंत एवं अन्य मंडियों में नए कपास की आवक शुरू हो चुकी है। इन मंडियों में रोजाना 20-400 टन की आवक हो रही है। इस साल कपास की बिक्री 2400-2650 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हो रही है। वहीं गुजरात की मंडियों में कपास का औसत बिक्री मूल्य 2600-2725 चल रहा है।
पिछले साल की समान अवधि के दौरान गुजरात में कपास की कीमत 3100-3275 रुपये प्रति क्विंटल थी। पंजाब में पिछले साल सितंबर के तीसरे सप्ताह में कपास के औसत भाव 2750-2950 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे थे। यानी कि इस साल के मुकाबले यह कीमत 300 रुपये प्रति क्विंटल अधिक थी।
कपड़ा उद्योग के जानकारों के मुताबिक इस साल फिलहाल उद्योग की तरफ से कपास की मांग पिछले साल के मुकाबले कम चल रही है, लेकिन अक्टूबर मध्य के बाद से कपास की मांग में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
कनफेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल इंडस्ट्री के महासचिव डीके नायर कहते हैं, 'फिलहाल कपास की कीमत को लेकर किसी प्रकार का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि अभी ऐसा करना जल्दीबाजी होगी। साथ ही इस साल चीन में उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम है ऐसे में चीन के आयात करने या नहीं करने की नीति पर भारतीय कपास की तेजी या बढ़ोतरी निर्भर करेगी।' चीन विश्व में कपास का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है।
कीमतों में कमी
मांग में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी से कपास की कीमत पिछले साल के मुकाबले 300 रुपये प्रति क्विंटल कमचीन के आयात करने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ सकती हैं कीमतेंभारत में कपास का कुल उत्पादन 305 लाख गांठ रहने का अनुमान (बीएस हिन्दी)

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