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25 सितंबर 2009

आवक बढ़ने के बाद भी उड़द में तेजी

भोपाल। मध्य प्रदेश की मंडियों में बड़ी मात्रा में नई उड़द की आवक रहने के बावजूद भाव में तेजी का माहौल बन रहा है। करीब 15 दिनों के दौरान उड़द में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। कारोबारियों का कहना है कि दक्षिणी राज्यों की अच्छी मांग और उत्पादन कमजोर रहने की संभावना से आगे और तेजी आने की संभावना है।चालू खरीफ सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में 6.07 लाख हैक्टेयर में उड़द की बुवाई की गई थी। प्रदेश में उड़द की पैदावार सामान्यत: एक-सवा लाख टन के आसपास रहती है। लेकिन इस बार फसल पकने के समय हुई बारिश से उत्पादन पर प्रभावित होने की संभावना है। जिसके चलते उड़द के दाम में तेजी की उम्मीद है। दूसरी ओर उड़द की पैदावार वाले आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र आदि में भी फसल कमजोर रहने की खबर है। जिस कारण भी इन प्रदेशों में उड़द के भाव में आई तेजी का असर स्थानीय मंडियों में देखा जा रहा है। मौजूदा समय में मध्य प्रदेश में अशोकनगर मंडी में बड़ी मात्रा में उड़द की आवक हो रही है। अशोकनगर मंडी में उड़द के कारोबारी अमित जैन बताते हैं कि गुरुवार को 15000 बोरी की आवक रही थी। वहीं इसके पहले 7-8 हजार बोरी की आवक प्रतिदिन हो रही थी। अमित कहते हैं कि अगले कुछ दिनों तक प्रतिदिन 15-16 हजार बोरी आवक रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बंपर आवक रहने के बावजूद उड़द में करीब 15 दिनों में करीब 300 रुपये की तेजी आई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अशोकनगर मंडी में उड़द के भाव 2700 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे। अमित ने कहते हैं कि दक्षिणी राज्यों से बढ़ी मात्रा में मांग निकलने के कारण भाव में तेजी का माहौल बन रहा है। इसके अलावा दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश से भी अच्छी मांग निकल रही है। वे कहते हैं कि भले ही आवक का दबाव बढ़ने पर भाव में थोड़ी नरमी आ जाए लेकिन लंबे समय में तेजी की ही धारणा है। इसकी वजह मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में उत्पादन कमजोर होना है। इसी तरह इंदौर मंडी के बड़े कारोबारी प्रमोद बसंल कहते हैं कि सितंबर में हुई बारिश के चलते कई इलाकों में दाना दागी होने से गुणवत्ता प्रभावित हुई है जिसके कारण भाव में तेजी का माहौल बना है। इसी तरह ग्वालियर के कारोबारी ओमप्रकाश गुप्ता कहते हैं कि 15 दिनों में करीब 400-500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी उड़द में आई है। वे बताते हैं कि 3200-3300 रुपये प्रति क्विंटल वाली उड़द इस समय 3600 से 3700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है। भोपाल मंडी के थोक कारोबारी अमित खंडेलवाल कहते हैं कि भोपाल के नजदीक गंज बासौदा मंडी में उड़द की आवक ज्यादा रहती है। गंज बासौदा में गुरुवार को उड़द के भाव 2600 से 3650 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे।दालों का आयात अप्रैल-जुलाई के बीच 50% बढ़ानई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष पहले चार माह के दौरान भारत में दालों का आयात 50 फीसदी बढ़कर 9 लाख टन हो गया है। देश में मांग के मुकाबले दालों की कमी होने के कारण आयात बढ़ा है। इसी कारण से अरहर व दूसरी दालों के भाव रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकारी कंपनियों और निजी क्षेत्र के आयातकों ने इन चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान 9 लाख टन दालों का आयात किया जबकि पिछले साल इस अवधि में 6 लाख टन दालों का आयात किया गया था। घरेलू मांग पूरी करने और मूल्यों पर नियंत्रण रखने के लिए दालों का और आयात किया जा रहा है। कुल आयातित दालों में करीब 40 फीसदी पीली मटर शामिल है। अन्य दालों में उड़द और अरहर शामिल हैं। इस अधिकारी के अनुसार आबादी बढ़ने से दालों की खपत बढ़ने के कारण आयात में बढ़त हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दालों खासकर अरहर के दाम 85 रुपये प्रति किलो बिक रही है जो आम आदमी की पहुंच के बाहर है। अधिकारी ने बताया कि जुलाई में घरेलू व विदेशी बाजारों में दालों के दाम पीक पर पहुंचने के बाद पिछले पखवाड़े में भाव उच्च स्तर पर स्थिर रहे। (एजेंसी)सरकार की अधिकृत एजेंसियां पीईसी, एसटीसी, एमएमटीसी और नेफेड दालों का आयात कर रही हैं। इसके अलावा प्राइवेट आयातक भी दालें विदेश से मंगा रहे हैं। सरकारी एजेंसियां खुले बाजार में आयातित दालें लगातार बेच रही हैं। दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक व उपभोक्ता भारत में हर साल मांग पूरी करने के लिए दालें आयात करनी पड़ती हैं। देश में दालों की कुल पैदावार वर्ष 2008-09 में 146.6 लाख टन रही जबकि खपत 170 से 180 लाख टन के बीच रही। (बिज़नस भास्कर)

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