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20 अक्तूबर 2009

भारी बिकवाली से लाल मिर्च में और गिरावट संभव

गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक ज्यादा होने और मध्य प्रदेश की मंडियों में नई फसल आने से पिछले एक सप्ताह में भाव पांच फीसदी घट गए। गुंटूर में लाल मिर्च का करीब 22-23 लाख बोरी (एक बोरी 45 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है। उधर मध्य प्रदेश की मंडियों में रोजाना दो से तीन हजार बोरी की नई आवक शुरू हो चुकी है। इसीलिए घरेलू मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। हाजिर में आई गिरावट से वायदा बाजार में भी पिछले दस दिनों में करीब चार फीसदी का मंदा आया है।मैसर्स स्पाइस ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर विनय बूबना ने बताया कि गुंटूर में इस समय लाल मिर्च का करीब 22-23 लाख बोरी का स्टॉक बचा है। मंडी में दैनिक आवक करीब 30-35 हजार बोरियों की हो रही है लेकिन मध्य प्रदेश में नई फसल आने से घरेलू मांग कम हो गई है। जिससे लाल मिर्च की कीमतों में पिछले एक सप्ताह में करीब 300 रुपये की गिरावट आ चुकी है। सोमवार को मंडी में 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5600-5700 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 5800-6300 रुपये, तेजा क्वालिटी के भाव 6600-7000 रुपये और फटकी क्वालिटी के 2000-4000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आंध्र प्रदेश में किसानों द्वारा हल्दी, दलहन और कॉटन की बुवाई ज्यादा करने से लाल मिर्च की बुवाई में कमी आने की आशंका है। हाजिर में गिरावट के कारण ही एनसीडीईएक्स में दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में चार फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 9 अक्टूबर को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में भाव 5927 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि 17 अक्टूबर को मुहर्त सौदे में भाव घटकर 5676 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिकवाली के दबाव से इसमें और भी गिरावट की आशंका है। इंदौर के लालमिर्च व्यापारी खजोर मल प्रजापति ने बताया कि नई लाल मिर्च की दो से तीन हजार बोरी की आवक शुरू हो चुकी है। मौसम साफ बना हुआ है इसलिए चालू महीने के आखिर तक आवक बढ़कर 40-50 हजार बोरी की हो जाएगी। पैदावार में पिछले साल से बढ़ोतरी की संभावना है। पिछले साल मध्य प्रदेश में 35 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। लाल मिर्च व्यापारी मांगीलाल मुंदड़ा ने बताया कि आंध्र प्रदेश में नई फसल की आवक फरवरी- मार्च महीने में बनेगी। स्टॉक 22-23 लाख बोरी बचा हुआ है। घरेलू और निर्यात मांग कमजोर है इसलिए नई फसल के समय करीब 15 लाख बोरी का स्टॉक बचने की संभावना है। मुंबई स्थित मैसर्स अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि अगले महीने बांग्लादेश की मांग निकलने की उम्मीद है। बांग्लादेश की मांग कैसी रहती है, इसी पर लाल मिर्च की तेजी-मंदी निर्भर करेगी। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान लाल मिर्च निर्यात में 30 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 67,500 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 96,250 टन का हुआ था। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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