कुल पेज दृश्य

31 अक्तूबर 2009

भारी आवक से थम नहीं रही है पूसा धान के भाव में गिरावट

चालू खरीफ सीजन में पूसा-1121 धान की कीमतों में गिरावट से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब 400 रुपये गिरावट आकर भाव 1850-1900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। भारतीय बासमती को ईरान द्वारा क्लीन चिट मिलने के बावजूद भाव में गिरावट चिंताजनक है। भारत में पूसा-1121 की पैदावार में बढ़ोतरी को देखते हुए विदेशी आयातक अभी इंतजार करों व देखों की नीति अपना रहे हैं। साथ ही घरेलू बाजार में पुराने माल का स्टॉक ज्यादा है जिससे गिरावट को बल मिला है।मैसर्स ट्राईस्टार ओवरसीज के डायरेक्टर अमित गर्ग ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू खरीफ सीजन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पूसा-1121 धान की बुवाई 40-50 फीसदी ज्यादा क्षेत्रफल में की गई है क्योंकि पिछले साल पिछले साल किसानों को इसका अच्छा दाम मिला था। उत्पादक मंडियों में नवंबर महीने के शुरू में इसके भाव 2400-2500 रुपये प्रति क्विंटल थे। लेकिन इस साल स्टॉकिस्टों के पास पूसा-1121 चावल का बकाया स्टॉक भी ज्यादा बचा हुआ है तथा उनकी बिकवाली का दबाव होने से भी पूसा-1121 धान की कीमतें घट रही है। ईरान ने भारतीय बासमती में आर्सेनिक, कैडमियम और लेड की हानिकारक मात्रा की मौजूदगी का जो आरोप लगाया था, उसे वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। लेकिन भारत में पैदावार में बढ़ोतरी होने के कारण अभी विदेशी आयातक नए सौदे नहीं कर रहे हैं। फसल आठ-दस दिन लेट होने से नवंबर में पूसा-1121 धान की आवक का दबाव बनना शुरू हो जाएगा, जिससे मौजूदा कीमतों में और भी 50-75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। लेकिन नवंबर-दिसंबर महीने में निर्यात सौदे में बढ़ोतरी होने से भाव तेज होने की संभावना है। वर्तमान में पूसा-1121 चावल के भाव विदेशी बाजार में 1200- 1300 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। कैथल मंडी स्थित मैसर्स खुरानिया एग्रो के प्रोपराइटर राम विलास खुरानिया ने बताया कि हरियाणा और पंजाब की मंडियों में पूसा-1121 धान की आवक बढ़नी शुरू हो गई है लेकिन चावल मिलों और स्टॉकिस्टों की मांग न होने से भाव घट रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में 400 रुपये की गिरावट आकर भाव 1850-1900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जून-जुलाई और अगस्त महीने के मध्य तक बारिश की भारी कमी से किसानों की लागत तो बढ़ी है लेकिन भाव पिछले साल के मुकाबले 500-600 रुपये प्रति क्विंटल नीचे चल रहा है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उत्पादक मंडियों में स्टॉकिस्टों के पास पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है जिससे स्टॉकिस्ट अभी खरीद नहीं कर रहे हैं। अगले आठ-दस दिनों में हरियाणा और पंजाब की मंडियों में आवक का दबाव बनेगा ही, साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी आवक शुरू हो जाएगी जिससे मौजूदा भाव में और भी 50-75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। rana@businessbhaskar।netधान पर 50 रुपये बोनस को किसानों ने नकारा लुधियाना। केंद्र सरकार द्वारा धान पर 50 रुपए बोनस दिए जाने की घोषणा से पंजाब के किसान खुश नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) ने किसानों को अपील की है कि वे पंजाब में धान व गेहूं का रकबा कम कर दें। अनाज की कमी होने के बाद ही केंद्र सरकार अनाज का सही मूल्य पहचानेगी। भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के अध्यक्ष एवं मंडी बोर्ड के चेयरमैन अजमेर सिंह लक्खोवाल के मुताबिक केंद्र ने सिर्फ 50 रुपए बोनस देकर किसानों को निराश किया है। किसान 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की उम्मीद लगाए हुए थे। केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भी यहां दौर में अच्छा बोनस देने का आश्वासन दिया था। (ब्यूरो) (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: