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23 नवंबर 2009

तीसरी तिमाही में सोने की मांग 49 फीसदी गिरी

नई दिल्ली।रोजाना नया रिकॉर्ड छू रहा सोना उपभोक्ताओं से दूर जा रहा है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि कर रही है। चालू वर्ष की तीसरी तिमाही में सोने की मांग पूरी दुनिया में गिरी है। सोने की विश्वव्यापी मांग करीब 34 फीसदी गिर गई जबकि भारत में मांग 49 फीसदी कम रही। हालांकि काउंसिल ने मूल्य के लिहाज से मांग बढ़ने का दावा किया है। उल्लेखनीय है कि भाव तेजी से बढ़ने के कारण सोने की मांग घटने पर मूल्य ज्यादा रहा। काउंसिल के मुताबिक वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही में सोने की वैश्विक मांग 800.3 टन रही जिसका मूल्य 24.7 अरब डॉलर था। मूल्य के लिहाज से दूसरी तिमाही के मुकाबले मांग 15 फीसदी अधिक रही। काउंसिल का कहना है कि पिछले साल तीसरी तिमाही में आर्थिक मंदी के चलते सोने की मांग की मांग अप्रत्याशित रूप से ज्यादा रही, जिसके कारण इस साल की तीसरी तिमाही में 34 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। पांच साल की तीसरी तिमाही की औसत मांग से आलोच्य तिमाही में मांग 4 फीसदी कम रही। काउंसिल की तीसरी तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोने की मांग दूसरी तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में 26 फीसदी बढ़ी। लेकिन ऐतिहासिक आधार पर भारत में सोने की मांग अब भी कमजोर है। रुपये की मजबूती और कमजोर मानसून से मांग प्रभावित हुई है।मानसून कमजोर रहने से सोने पर उपभोक्ता खर्च घटा है। तीसरी तिमाही में सोने की मांग पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 49 फीसदी कम रही। काउंसिल का कहा है कि पिछले साल तीसरी तिमाही में सोने की मांग अपवाद स्वरूप ज्यादा रही थी। इस कारण इस साल गिरावट ज्यादा दिखाई दे रही है। ज्वैलरी की मांग 111.6 टन रही जो सालाना आधार पर 42 फीसदी कम है। रिटेल में सोने की निवेश मांग 26 टन रही जो दो तिहाई कम है। पिछले पांच वर्र्षो की तीसरी तिमाही की तुलना करें तो चालू वर्ष की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 10 फीसदी घटी है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के सीईओ एरम शीशमनियन ने कहा कि भारत में तीसरी तिमाही में सोने की उपभोक्ता और रिटेल मांग पर घरेलू बाजार में रिकॉर्ड कीमतों का असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता ऊंची कीमतों के नए माहौल में अपने को समायोजित नहीं कर पा रहे हैं। आर्थिक सुधारों के संकेत से सोने की ज्वैलरी और औद्योगिक मांग बढ़ी है। (बिज़नस भास्कर)

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