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25 नवंबर 2009

एफआरपी में गन्ने की लागत के बाद 50 फीसदी लाभ : पवार

गन्ना मूल्य पर उठे विवाद पर कृषि मंत्री शरद पवार ने आज लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए फेयर एंड रिमयूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) में किसानों को लागत पर 50 फीसदी का फायदा होगा। इसके बाद भी केंद्र ने राज्यों को यह आजादी दी है कि अगर वे चाहें तो मूल्य अंतर का भुगतान करके ज्यादा दाम तय कर सकते हैं।एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि इस साल के लिए तय किए गए 129.84 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के एफआरपी में किसानों को 50 फीसदी लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश एफआरपी को काफी कम और एक समान मूल्य का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले माह एक अध्यादेश के जरिये किए गए इस बदलाव के कारण राज्य अपने स्तर पर ऊंचा राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) तय करने से बचेंगे। किसान 280 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य की मांग कर रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें 180 रुपये प्रति क्विंटल दाम देने को तैयार हैं।पवार ने कहा कि एफआरपी न्यूनतम अनिवार्य मूल्य है। मिलों को गन्ना खरीद के लिए कम से कम यह भुगतान तो करना ही होगा। मिलें और किसान आपस में बात करके इससे ऊंचा मूल्य तय कर सकते हैं। यह मूल्य एफआरपी से अधिक होना ही चाहिए।दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव मुन्ना सिंह चौहान ने लखनऊ में कहा कि अगर राज्य सरकार गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाती है तो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य भर में कार्यकता नाकाबंदी करेंगे। 26 नवंबर को पार्टी के कार्यकर्ता सभी राजमार्ग और दूसरे प्रमुख सड़कों पर नाकेबंदी करेंगे। सरकार को एसएपी 280 रुपये प्रति क्ंिवटल तय करना चाहिए। (बिज़नस भास्कर)

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