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28 नवंबर 2009

सऊदी अरब समाप्त करेगा बासमती आयात पर सब्सिडी

भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक सऊदी अरब चावल आयात पर सब्सिडी खत्म करेगा। वहां 266.67 डॉलर प्रति टन की मौजूदा सब्सिडी 29 नवंबर से समाप्त कर दी जाएगी। हालांकि भारतीय निर्यातकों का कहना है कि सऊदी अरब के इस कदम से निर्यात पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्टो में 24 नवंबर को वाणिज्य और उद्योग उप मंत्री अब्दुल रहमान अल रज्जाक के हवाले से कहा गया था कि निर्यातक सरकारी मदद का दुरुपयोग कर रहे हैं इसलिए सब्सिडी को हटाने का फैसला किया गया है। दिसंबर 2007 में सऊदी अरब ने उस समय सब्सिडी देना शुरू किया छा जब चावल के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे। लेकिन अब जब दुनियाभर में चावल के भाव काफी गिर गए है,ं फिर भी सब्सिडी जारी है। भारतीय निर्यातकों का कहना है कि सऊदी अरब के उपभोक्ता पारंपरिक रूप से भारतीय बासमती चावल की विभिन्न किस्में पसंद करते हैं और वे बड़े खरीदार हैं। अपने पसंदीदा चावल के लिए वे ज्यादा कीमत भी देने को तैयार होंगे। फिलहाल सऊदी अरब के लिए भारत से बासमती चावल के सौदे 1,000-1,200 डॉलर प्रति टन के भाव पर हो रहे हैं। दूसरी ओर भारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र पंजाब और हरियाणा में लंबी गिरावट के बाद बासमती धान के भाव 20 से 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं। घरेलू खपत बढ़ने और बड़े किसानों द्वारा स्टॉक किए जाने का भावों पर असर आया। दोनों राज्यों में खरीफ सीजन के दौरान ज्यादा रकबे में बोए गए बासमती पूसा-1121 धान के भाव 1500-1800 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2300-2400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। बासमती पूसा-1 धान के भाव बढ़कर 2800 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। वहीं कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि उत्तरी भारत के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में सूखे के बावजूद चावल खरीद गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा रहेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में धान खरीद गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा रही है। (बिज़नस भास्कर)

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