कुल पेज दृश्य

20 नवंबर 2009

जल्द सुलझेगा एथेनॉल विवाद!

नई दिल्ली November 19, 2009
सरकार के पेट्रोल में 5 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने के मसले पर कड़े रुख के बाद तेल विपणन कंपनियां सक्रिय हो गई हैं।
कंपनियां इस पर गंभीरता से विचार कर रही हैं कि एथेनॉल के दाम एक साल की अवधि के लिए 21.50 पैसे से बढ़ाकर 26 रुपये लीटर कर दिए जाएं। हालांकि चीनी उद्योग 28 रुपये प्रति लीटर मांग रहा है और उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि जरूरतों का 40 प्रतिशत हिस्सा ही 26 रुपये लीटर के भाव मिल सकेगा।
पेट्रोल में 5 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने के लिए कुल 68 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी। उद्योग केवल तभी 26 रुपये लीटर पर सहमत होगा, जब तेल विपणन कंपनियां 3 साल के लिए समझौता करें। उन्होंने कहा, 'इससे उत्पादकों को लंबी अवधि के लिए भरोसा मिलेगा।'
सूत्रों ने यह भी कहा कि इस साल भी पेट्रोल में 5 प्रतिशत एथेनॉल मिलाना कोई मसला नहीं है, भले ही गन्ने की पैदावार कम हुई है। इस सप्ताह की शुरुआत में तेल विपणन कंपनियों और चीनी उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुंबई में मुलाकात की थी।
चीनी उद्योग के एक सूत्र ने कहा, 'दाम ही प्रमुख मुद्दा है। अगर तेल विपणन कंपनियां टेंडर की प्रक्रिया से एथेनॉल की खरीद करती हैं तो वे उन कंपनियों से खरीदारी करेंगी, जो सबसे सस्ता माल देगी। बहरहाल ये कोई मसला नहीं है। वे टेंडर के माध्यम से खरीदारी करना चाहती हैं और इसके साथ ही वे कीमतें भी तय कर देना चाहती हैं।'
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस मसले पर सभी हिस्सेदारों की जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी, जिससे 5 प्रतिशत मिलावट के बारे में विचार किया जा सके। तेल विपणन कंपनियों ने एथेनॉल की खरीद 3 साल पहले शुरू की थी और वे 21.50 रुपये प्रति लीटर के भाव भुगतान कर रहे थे।
सूत्रों का कहना है, 'यह कीमत 3 साल के लिए तय की गई थी, जो 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई। इस दौरान मिलावट नगण्य मात्रा में ही हो पाई।' सूत्रों ने यह भी कहा कि रेक्टीफायड स्प्रिट की मौजूदा कीमतें 28-30 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं, जो एथेनॉल का कच्चा माल है। इसके चलते अब चीनी उद्योग 20 रुपये प्रति लीटर की मांग कर रहा है।
पेट्रोल में 5 प्रतिशत एथेनॉल की मिलावट का प्रस्ताव नवंबर 2007 में लाया गया था। एथेनॉल को हरित ईंधन के रूप में जाना जाता है और इसके मिश्रण से भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी। कुछ तेल विपणन कंपनियों ने तो खुद एथेनॉल बनाने के कारोबार में कूदने का फैसला किया है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन ने पिछले साल बिहार में चीनी की दो बीमार इकाइयों को खरीदा था, जिससे एथेनॉल का उत्पादन किया जा सके।
दाम को लेकर है बवाल
एथेनॉल की कीमत एक साल के लिए 21।50 रुपये से बढ़ाकर 26 रुपये प्रति लीटर करने पर तेल कंपनियां कर रही हैं विचारचीनी मिलें 28 रुपये प्रति लीटर पर अड़ीं, लेकिन 3 साल के समझौते पर दे सकती हैं सस्ती दर परएथेनॉल की कमी नहीं (बीएस हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं: