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21 दिसंबर 2009

चांदी में अगले साल भी रहेगा तेजी का दौर

नई दिल्ली : चांदी ने इस साल सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है और इसके साल 2010 में भी सोने के मुकाबले मजबूत बने रहने की उम्मीद है। एंजेल कमोडिटीज के मुताबिक, औद्योगिक मांग में आने वाली तेजी चांदी के जबरदस्त प्रदर्शन की मुख्य वजह होगी। मौजूदा वक्त में मुंबई सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 27,850 रुपए प्रति किलो पर चल रही है। चांदी की मांग आने वाले साल में मजबूत बनी रहने की उम्मीद है क्योंकि चांदी के उभरते हुए नए बाजार इसकी कीमतों में उछाल बनाए रखेंगे। एंजेल ब्रोकिंग के एनालिस्ट अमर सिंह के मुताबिक, 'इसके अलावा हालिया वक्त में पारंपरिक इस्तेमाल के लिए चांदी के दोबारा भंडारण से भी इसकी मांग में मजबूती बने रहने की उम्मीद है।' चांदी की कीमत मुख्य तौर पर ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री और दूसरी कई इंडस्ट्री में पारंपरिक औद्योगिक इस्तेमाल करने वाले एंड यूजर्स पर निर्भर करती है। हाल के हफ्तों में इन सेक्टरों से चांदी की मांग में तेजी आ रही है और इसके भंडारों में फिर से मजबूती दर्ज की गई है। सिंह के मुताबिक, 'वित्तीय संकट के दौरान चांदी के भंडारों में तेज गिरावट आई थी और इनके दोबारा अपने सामान्य स्तर पर पहुंचने में तकरीबन छह महीने का वक्त लग सकता है।' चांदी के मामले में एक अहम तथ्य यह भी है कि इसकी औद्योगिक मांग में ज्यादा बदलाव नहीं हो सकता है। इसका मतलब यह है कि खरीदारों के सामने विकल्पों की कमी होती है और उन्हें पहले से तय कीमत पर इसकी खरीद करनी होती है। साल 2010 में चांदी को उछालने के लिए मुख्य वजहें ऑटोमोबाइल सेक्टर में जिंक-चांदी बैटरियां और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होंगे। सिल्वर-जिंक बैटरियों की स्वीकार्यता में तेजी आना चांदी की कीमतों को आगे बढ़ाने वाला एक अहम कारण साबित हो रहा है। सिंह के मुताबिक, इस सेक्टर में बड़ी मात्रा में चांदी की खपत हो सकती है। इसके अलावा एलसीडी, प्लाज्मा टीवी स्क्रीन, सोलर पैनल और वाटर प्यूरीफिकेशन उपकरण, मेडिकल और सुपरकंडक्टिविटी जैसे कामों में चांदी की मांग में लगातार तेजी आ रही है। सिंह के मुताबिक, 'चांदी का नया इस्तेमाल बायोसाइड्स के लिए पाया गया है। इसमें चांदी का इस्तेमाल खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करने के केमिकल एजेंट के तौर पर होता है।' हाई-टेक इंडस्ट्रियल मेटल के तौर पर इसके इस्तेमाल का महत्व लगातार बढ़ रहा है। इसमें 2001 से साल-दर-साल आधार पर वित्तीय संकट के आने तक बढ़ोतरी आई है। सिंह के मुताबिक, 'हमें उम्मीद है कि चांदी में ऊंची कीमतों पर कारोबार जारी रहेगा। इसकी वजह यह है कि सामान्य अर्थव्यवस्था के दौर की शुरुआत हो गई है। हमें लग रहा है कि चांदी एक अकेला ऐसा मेटल है जो कि अर्थव्यवस्था के अच्छे या खराब दौर में होने पर भी बढि़या प्रदर्शन करता है।' चांदी में मांग दोनों तरह की स्थितियों में ऊपर चढ़ती है। अगर अर्थव्यवस्था सुधरती है तो औद्योगिक मांग बढ़ती है और अगर मंदी आती है तो निवेशक अर्थव्यवस्था में गिरावट से हेज करने के लिए चांदी में पैसा लगाते हैं। सिंह के मुताबिक, 'आने वाले वक्त में चांदी में तेजी का दौर फिर से पैदा होने की उम्मीद है।' (ई टी हिन्दी)

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